- शहर विधायक ने नगर निगम के अधिकारियों को सुनाई खरीखरी

- कमिश्नर से की शिकायत, बैठक बुलाने की मांग की

Meerut। स्मार्ट सिटी को लेकर बुधवार को शहर विधायक डॉ। लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने निगम के अधिकारियों को घेरा। पिछली बार की लिस्ट में मेरठ का नाम न आने का ठीकरा निगम के अधिकारियों पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की नाकामी की वजह से मेरठ का स्मार्ट सिटी के लिए चयन नहीं हुआ।

क्या है तैयारी

डॉ। लक्ष्मीकांत ने चीफ इंजीनियर का घेराव कर नोडल अधिकारी को बुला पूछा कि स्मार्ट सिटी को लेकर निगम की क्या तैयारी है। इस पर अधिकारियों द्वारा संतोषजनक जवाब न देने पर वाजपेयी का पारा और चढ़ गया। साफ कहा कि निगम के अधिकारी कोई काम नहीं कर रहे हैं। यदि निगम के अधिकारी काम कर रहे होते तो पिछली बार ही मेरठ का नाम स्मार्ट सिटी की सूची में आ जाता।

जनरल सर्वे पर बिफरे वाजपेयी

टैक्स अधिकारी को जब वाजपेयी ने पूछा कि निगम द्वारा हर साल कराए जाने वाला सर्वे का क्या हुआ। इस पर अधिकारी ने कोई सर्वे न होने का बात कही। इस पर शहर विधायक बिफर पड़े। पिछली बार स्मार्ट सिटी की सूची में नंबर न आने का एक कारण यह भी था कि निगम की आय बहुत कम थी।

1992 से नहीं हुआ सर्वे

25 साल से निगम ने जनरल सर्वे नहीं हुआ है। जनरल सर्वे में निगम द्वारा देखा जाता है कि किस मकान पर हाउस टैक्स, वॉटर टैक्स लगा हुआ है और किस पर नहीं। जिन मकानों पर टैक्स नहीं लगा हुआ होता है उस पर टैक्स लगाया जाता है।

बीस लाख पेमेंट

निगम ने जनरल सर्वे के लिए करीब आठ साल पहले दिल्ली की एक कंपनी से अनुबंध किया था। कंपनी द्वारा सर्वे कराया जाना था। निगम ने सर्वे कंपनी बीस लाख रुपये की पेमेंट भी कर दी थी। लेकिन उस कंपनी ने एक भी दिन सर्वे नहीं किया। इस पर न तो निगम के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई की और न ही सर्वे न करने पर उस कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।

प्रोजेक्ट की नकल

डॉ। लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने निगम के अधिकारियों से कहा कि जिन शहरों का नंबर स्मार्ट सिटी में आ गया है। उनकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट मंगा लें। उस प्रोजेक्ट को रिपोर्ट देखकर अपनी डीपीआर तैयार करें। उसमें जो कमी हो उसको जल्द से जल्द पूरा करें।

कमिश्नर से की शिकायत

वाजपेयी ने इस मामले की शिकायत कमिश्नर से की है। साथ ही स्मार्ट सिटी को लेकर सभी विभागों को जिम्मेदारी देने की मांग की है। प्रत्येक दिन की प्रगति रिपोर्ट की पूछताछ के लिए एक अधिकारी को नियुक्त करने की भी मांग की है।

कंसलटेंट कंपनी पहुंची मेरठ

- निगम के बाहर कंसलटेंट कंपनी ने डाला डेरा

- चार कर्मचारी तैयार कर रहे हैं प्रोजेक्ट रिपोर्ट

मेरठ। मेरठ स्मार्ट सिटी की डीपीआर तैयार कर रही सूरत की सोफटेक कंपनी के कर्मचारी मेरठ पहुंच गए है। चार कर्मचारियों ने डीपीआर बनाने का काम तेज कर दिया है। निगम व अन्य विभागों से डाटा क्लेक्ट कर प्रोजेक्ट रिपोर्ट में शामिल किया जा रहा है।

नगर निगम में होता है डिस्ट्रबेशन

सोफटेक कंसलटेंट कंपनी ने पिछली बार नगर निगम में रहकर स्मार्ट सिटी की डीपीआर तैयार की थी। लेकिन इस बार नगर निगम में नहीं बल्कि निगम के बाहर रहकर डीपीआर बनाने का काम करेगी। कंपनी के कर्मचारियों की माने तो नगर निगम में काम करने से डिस्ट्रबेशन होता है। इसीलिए इस बार नगर निगम के बाहर रहकर डीपीआर बनाने का काम करेंगे।

5 को जमा करनी है प्रगति रिपोर्ट

नगर निगम को पांच मार्च का स्मार्ट सिटी के लिए बनाई जा रही डीपीआर की प्रगति रिपोर्ट जमा करनी है। उसके बाद आगे का काम किया जाएगा। जबकि अंतिम डीपीआर 31 मार्च को शासन को जमा करनी है।

इस बार अंतिम अवसर होगा

स्मार्ट सिटी यदि इस बार मेरठ का नाम नहीं आया तो फिर मेरठ स्मार्ट सिटी नहीं बन पाएगा। क्योंकि इस बार केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी के लिए अंतिम सूची जारी की जाएगी। इससे पहले केंद्र सरकार ने तीन सूची स्मार्ट सिटी के लिए जारी की हैं। जिसमें से 60 शहरों का नाम की घोषणा की गई है। इस बार 40 शहरों की सूची जारी होगी।

कंपनी ने स्मार्ट सिटी का डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया है। क्योंकि हमारे पास नगर निगम व अन्य विभागों के जरूरी फिगर व कागज हैं। जो कुछ कागज हमें चाहिए वह नगर निगम से कहकर उपलब्ध कराएंगे।

बीके पटेल मैनेजर सोफटेक कंसलटेंट कंपनी