RANCHI:अगर जैक रिजल्ट जारी करता है, तो ऐसे स्टूडेंट्स जिनकी बायोलॉजी प्रैक्टिकल कॉपी चेक नहीं की गई है, उनका रिजल्ट पेंडिंग हो सकता है। वहीं अगर इन स्टूडेंट्स का रिजल्ट जारी भी होता है, तो जैक को जो प्रैक्टिकल का नंबर मिलेगा वो फर्जी होगा। बच्चों के फ्यूचर के साथ यह खिलवाड़ हो रहा है, जिसकी जिम्मेवारी लेने वाला न टीचर है, न स्कूल का प्रिंसिपल।

कह रहे प्रिंसिपल- सारी कॉपियां चेक हुई

इस बारे में जब स्कूल के प्रिंसिपल मकबूल अहमद से बात की गई, तो उनका साफ कहना है कि प्रैक्टिकल की दो साल पुरानी कॉपी बेची जाती है, लेकिन इस साल की कॉपी तो स्कूल में ही होगी। अगर कॉपी बाहर गई है, तो ये टीचर्स की लापरवाही है। मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि नियम के तहत एक साल तक कॉपी स्कूल में ही रखी जाती है। इसके बाद कॉपी बेच दी जाती है। प्रिंसिपल साहब कहते है कि सभी कॉपी चेक की गई हैं। लगभग क्ख्फ् स्टूडेंट्स ने प्रैक्टिकल एग्जाम दिया था। कॉपी अगर गायब भी हुई है, तो इनकी संख्या बहुत कम होगी। स्कूल मैनेजमेंट को इसकी जानकारी नहीं है।

जैक सचिव बोले, हमारे पास सभ्ाी के नंबर

इस बारे में जब झारखंड एकेडमिक काउंसिल से बात की गई, तो सचिव ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया। सचिव मोहन चंद्र मुकिम का कहना है कि अगर किसी स्कूल ने अपनी कॉपी कबाड़ी में बेच दी है तो इसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को दीजिए, हम इसमें क्या कर सकते हैं। हमारे पास तो प्रैक्टिकल का नंबर आ जाता है। वहीं, झारखंड में इतने सारे स्कूल हैं हम कितना नजर रखेंगे। इसलिए ये हमारा काम नहीं है। सचिव से जब पूछा गया कि अगर आपके पास नंबर ही नहीं आएगा, तो आप रिजल्ट कहां से जारी कीजिएगा। उन्होंने कहा हमारे पास सभी स्टूडेंट्स के नंबर आ गए हैं।

व्हाट रूल्स से

-प्रैक्टिकल एग्जाम के बाद एक साल तक रखी जाती हैं कॉपियां

-स्कूल मैनेजमेंट को ही रखनी होती है कॉपी

-जैक को भेजा जाता है प्रैक्टिकल का नंबर

-कॉपी रह जाती है स्कूल के पास

ऑफिशियल स्टैंड

हमारी जानकारी में ये मामला नहीं आया है। अगर ऐसा हुआ है, तो ये गलत है। कोई भी स्कूल ऐसा नहीं कर सकता है। इसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को दी जाएगी। मामले की जांच होगी। कॉपियां गायब पाई गईं, तो दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।

-मोहन चंद्र मुकिम,सचिव,जैक