RANCHI: ख्00 रुपए और एक फोटो दीजिए फिर ख्0 मिनट में भारतीय नागरिकता का सर्टिफिकेट वोटर आइकार्ड पाईए। यह वोटर आईकार्ड भले वोटिंग के लिए यूज नहीं कर सकते हैं, लेकिन बाकी कामों के लिए देश भर में इस्तेमाल कर सकते हैं। फर्जी वोटर आईकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, शपथ पत्र बनवाने का यह गोरखधंधा रांची की कचहरी में बेरोक-टोक चल रहा है। यह खुलासा कोतवाली पुलिस की गिरफ्त में आए हिंदपीढ़ी निवासी एजेंट शहनाज परवीन उर्फ सदफ तथा उसके साथी दशराम बेदिया ने पुलिस की पूछताछ में किया है।

फर्जीवाड़े के पीछे सफेदपोश

गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस को बताया कि जाली वोटर आईकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस व शपथ पत्र बनाने का काम रांची में खूब फल-फूल गया है। यदि जिम्मेदार नागरिक सचेत नहीं होते, तो कोर्ट परिसर में यह धंधा धड़ल्ले से चलता रहता। आरोपियों से पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि इन सबके पीछे सफेदपोश नेताओं का हाथ है, जिनकी शह पर फर्जीवाड़ा धड़ल्ले से चल रहा है। फिलहाल, पुलिस ऐसे सफेदपोश नेताओं का पता लगाने में जुट गई है।

ऐसे चलता है जालसाजी का खेल

क्-कोर्ट कैंपस में दर्जनों एजेंट एक्टिव

पूरी कचहरी में दर्जनों एजेंट हैं, जो इस गोरखधंधे में लिप्त हैं। कुछ दिन पहले भी एक एजेंट का खुलासा हुआ था, जो एडवोकेट की पोशाक में था और खुद को वकील बता रहा था। साथ ही फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा था।

ख्-पास में ही डीसी ऑफिस

मजे की बात तो यह है कि डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के समीप ही यह गोरखधंधा चल रहा है। लेकिन जिम्मेदारों को इसकी भनक तक नहीं है। ऐसा भला कैसे हो सकता है। जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण ही फर्जी कार्ड बनाने वाले फल-फूल रहे हैं।

फ्-बाहरी भी उठा सकते हैं फायदा

आसानी से बन रहे जाली मतदाता पहचान-पत्र का फायदा कोई बाहरी भी उठा सकता है, चाहे वो भारतीय हो या गैर भारतीय। बांग्लादेश का बॉर्डर समीप होने के कारण कभी भी कोई बांग्लादेशी घुसपैठी यहां का मतदाता पहचान पत्र बनाकर कई तरह का लाभ ले सकता है और पकड़ाएगा भी नहीं।

सभी नाम आपको ही बता दूं क्या?

फर्जी शपथ पत्र बनाने के आरोप में पकड़ी गई एक महिला ने पहले पुलिस को अपना नाम गलत बताया। जब पुलिस को इसकी जानकारी हुई तो पूछा गया कि आखिर गलत नाम क्यों लिखवाया, तब महिला ने कहा कि सभी नाम आपको ही बता दूं क्या? महिला ने पहले अपना पता कांटाटोली लिखवाया, फिर बाद में उसने हिंदपीढ़ी बताया। कहा कि उसके साथ एक बूढ़ी मां रहती है। बाद में पता चला कि उसके तीन भाई और भतीजी हैं। गुरुवार को परिजन थाना आए और उससे मुलाकात की।

क्। डोरंडा पुलिस ने किया था रैकेट का खुलासा

पिछले दिनों अरगोड़ा व डोरंडा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए जाली प्रमाण पत्र बनाने वाले एक रैकेट का खुलासा किया था। इस अवैध कारोबार का कर्ताधर्ता एक शख्स भी दबोचा गया था। पुलिस के मुताबिक, यहां से किसी भी विश्वविद्यालय और किसी भी कोर्स का सर्टिफिकेट आसानी से बन जाता था। पकड़े गए लोगों ने बताया कि यह फर्जी विश्वविद्यालय केवल कागज पर चलता था, पर इस विश्वविद्यालय से अब तक म्00 लोगों ने सर्टिफिकेट हालिस किया है। हर सर्टिफिकेट के लिए तीन हजार रुपए तक लिया जाता था। पुलिस ने फर्जी मुहर, लैपटॉप, बैंक के कागजात समेत अलग-अलग संस्थानों के नाम पर कई प्रमाणपत्र भी बरामद किया था।

ख्। डीटीओ ऑफिस का स्टाफ बनाता था फेक डीएल

खूंटी पुलिस ने दो अपराधियों को पकड़ा था। इनके पास से फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बरामद हुए थे। पूछताछ में पता चला कि येफर्जी ड्राइविंग लाइसेंस रांची डीटीओ से बनवाया था, जहां कार्यरत एक कर्मचारी आनंद ने उसे बनाया था। मामला उजागर होने के बाद डीटीओ ने आनंद को नौकरी से निकाल दिया था।