-परिवहन विभाग की एसी बसों से जमकर गायब हो रहे पंखे और परदे

- वॉल्वो, स्कैनिया और शताब्दी बसों से गायब हो रहे

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LUCKNOW: तेजस ट्रेन में हेडफोन ले जाने वालों और इसमें लगी एलईडी को नुकसान पहुंचाने वालों को तो रेलवे प्रशासन ने ढूंढ निकाला और उनके खिलाफ एक्शन लिया, लेकिन रोडवेज की बसों से पंखे और परदे खोलने वाले निगम के अधिकारियों की पकड़ से बहुत दूर हैं। आलम यह है कि छह माह में निगम की बसों से लगभग सात दर्जन पंखे और आठ सौ से ज्यादा परदे गायब हो चुके हैं। ऐसा नहीं है कि निगम के अधिकरियों इसे रोकने की कोशिश नहीं की, असल में उन्हें अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है।

रास्ते में ही उड़ा रहे सामान

दरअसल, निगम ने लंबी दूरी की एसी बसों में पैसेंजर्स को सुविधा देने के लिए बसों में पंखे और परदे लगा रखे हैं। जब यह बसों अपनी मंजिल तक पहुंचती हैं तो इसमें से पंखे और परदे गायब रहते हैं।

ताकि कोई डिस्टर्ब न हो

रोडवेज की हाईएंड में शामिल वॉल्वो और स्कैनिया बसों में विंडो पर परदे लगाए जाते हैं ताकि पैसेंजर्स को धूप की वजह से प्रॉब्लम न हो। साथ ही पैसेंजर्स की सामने वाली सीट पर भी परदे लगाये जाते हैं जिससे रात में सफर के दौरान उनके लाइट जलाने पर किसी दूसरे को प्रॉब्लम न हो। पर, पैसेंजर्स की सुविधा के लिए लगाए जाने वाले परदे आये दिन गायब हो रहे हैं। इतना ही नहीं पैसेंजर्स कई बार सफर के दौरान गंदगी को परदों से साफ कर देते हैं। इसकी वजह से परदे गंदे होने के साथ कभी-कभी इनसे स्पॉट नहीं जाते। परिवहन निगम के अधिकारियों की मानें तो सफर के दौरान एक-एक दर्जन परदे गायब मिले हैं। पिछले छह माह में 800 से अधिक परदे गायब हो चुके हैं।

दिल्ली रूट पर सबसे अधिक खेल

इसी तरह परिवहन निगम की शताब्दी बसों में पैसेंजर्स की सुविधा के लिए पंखे लगाए गये हैं। सीट के ऊपर इन पंखों को एक पेंच के माध्यम से टाइट किया जाता है। इन बसों से पंखे खूब गायब होते हैं। जानकारों की मानें तो छह माह में अब तक 83 पंखे गायब हो चुके हैं। इन पंखों को बचाने के लिए परिवहन निगम ने अपने अधिकारियों की तैनाती की, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। जिस दिन चेकिंग हुई उस दिन चोरी नहीं हुई, लेकिन उसके अगले दिन ही पंखे गायब हो गए। सबसे अधिक पंखे और परदे दिल्ली रूट पर चलने वाली बसों से गायब हो रहे हैं। इसके बाद फैजाबाद, गोरखपुर, सीतापुर, हरदोई रूट की बसों से पंखे और परदे गायब होहे हैं।

कोट

पंखे और परदे अब तो कम गायब होते हैं। पहले तो बस गई तो वापसी आने पर इन्हें नया ही लगाया जाता था। जबकि यह दोनों ही आइटम पैसेंजर्स की सुविधा के लिए ही लगाए जाते हैं। धीरे-धीरे इसमें और कमी आ जाएगी।

-एचएस गाबा, मुख्य प्रधान प्रबंधक संचालन परिवहन निगम