- शासन ने दो महीने पहले मुहैया करा दी मुआवजा राशि

- जनपद को सूखा राहत मुआवजे के रुप में मिले हैं 41 करोड़ से भी ज्यादा की

आगरा। शासन की मंशा थी, कि किसानों को समय से आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाए। इसके लिए शासन ने यथासंभव ओलावृष्टि व सूखा राहत का मुआवजा जारी कर दिया, लेकिन लालफीताशाही शासन की मंशा को पलीता लगाने में जुटी हुई है। तभी तो दो महीने पहले जारी हुई 2014 की सूखा राहत मुआवजा राशि अब तक लाभार्थी किसानों को मुहैया नहीं हो पाई है। आपको बता दें कि पिछले वर्ष सूखा राहत मुआवजा के लिए 41 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि जारी कर दी गई, लेकिन अफसरों को अभी तक वितरण की समीक्षा करना जरूरी नहीं समझा।

लेखपालों के फेर में फंस गया मुआवजा

सूखा राहत का मुआवजा तहसीलों में लेखपालों के फेर में फंस कर रह गया है। सैंकड़ों किसान ऐसे हैं, उन्हें न तो अभी तक ओलावृष्टि का मुआवजा मिला और न ही सूखा राहत के मुआवजे का एक पैसा मिला। कहीं पर तहसीलदारों की मनमानी हावी है, तो कहीं लेखपाल सब पर भारी पड़ रहे हैं, लेखपालों की कार्यप्रणाली को लेकर कई बार शिकायत भी की जा चुकी है, कई लेखपालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाही लम्बित चल रही है।

हुक्मरानों को जानकारी ही नहीं

सूखा राहत वितरण को लेकर हमने एसडीएम सदर अन्नावि दिनेश कुमार से बात की, पूछा कि कितनी धनराशि मिली है, तो उनका जबाव था ढाई करोड़ सदर तहसील को मिला है, जब हमने बताया कि आपकी तहसील को तो पांच करोड़ से ज्यादा का आवंटन हुआ है, तो कहने लगे हां-हां, वितरण के सन्दर्भ में पूछने पर बताया कि वितरण चल रहा है। वहीं इस बारे एसडीएम खेरागढ़ राम सिंह गौतम से बात की गई तो उनका कहना था कि अभी चार गांवों में वितरण हो चुका है। हम समय-समय पर वितरण की समीक्षा करते हैं। वैसे पूरी धनराशि तहसीलदार के खाते में आती है। वे ही लेखपालों को आवंटित करते हैं।