DEHRADUN:

हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में अब राज्य के किसानों की आर्थिकी में सुधार की उम्मीद जगी है। दरअसल व‌र्ल्ड बैंक की मदद से तैयार 700 करोड़ की एकीकृत बागवानी विकास प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलने के बाद अब सूबे में फल-सब्जियों के लिए चार 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' स्थापित करने की तैयारी है। योजना के तहत सरकार का जड़ी-बूटी, औषधीय व सगंध पादप, चाय और फ्लोरिकल्चर पर भी फोकस रहेगा। दो लाख किसानों को सीधा लाभ एकीकृत बागवानी विकास योजना से सूबे के दो लाख किसान सीधे लाभान्वित होंगे। इसके अलावा सवा लाख से ज्यादा लोगों को इस योजना से रोजगार मुहैया होगा। विश्व बैंक की ओर से राज्य में एकीकृत बागवानी विकास प्रोजेक्ट को मंजूरी दिए जाने से हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट उत्साहित है। नई प्रजातियों को बढ़ावा हॉर्टिकल्चर डायरेक्टर डॉ। बीएस नेगी के मुताबिक प्रोजेक्ट सात साल के लिए है।

 

प्रोजेक्ट के तहत सूबे में औद्यानिक फसलों की नवीनतम प्रजातियों व तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी। बताया कि सेब-नाशपाती, आलू, विभिन्न सब्जियां और नींबू प्रजाति की फसलों के लिए चार सेंटर आफ एक्सीलेंस जल्द ही स्थापित किए जाएंगे, जिनके लिए स्थलों का चुनाव किया जा रहा है। प्रोजेक्ट पर एक नजर - हाईटेक नर्सरी, टिश्यूकल्चर यूनिट, एरोपोनिक टेक्नीक से पोटेटो सीड प्रोडक्शन - फ्0 हजार हेक्टेयर जमीन में हॉर्टिकल्चर, मेडिसिनल प्लांट्स, चाय की खेती के लिए माइक्रो इरिगेशन स्कीम - आठ लाख वर्ग मीटर में सब्जी व फूलों की खेती कर उत्पादकता में चार गुना इजाफे का टारगेट - मशरूम उत्पादन और मधुमक्खी पालन को बढ़ावा - विपणन के लिए पर्वतीय इलाकों में ग्रामीण हाट की स्थापना के साथ ही उत्पादों की ब्रांडिंग व पैकेजिंग को बढ़ावा