इनफोग्राफिक
- शासन ने उठाया कदम, वकीलों ने की सराहना
मेरठ : यूपी के 20 जिलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई जाएगी, जिससे लोगों को जल्द ही न्याय मिल सकें। इस लिस्ट में मेरठ भी शामिल है। अभी तक कोर्ट कम होने से हजारों मुकदमें पेंडिंग हैं। लोगों को न्याय मिलने के लिए 20-25 साल लग जाते है। इसके बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिलता है।
कई जिलों के आदेश
लोगों को जल्द ही न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने मेरठ, गाजियाबाद, वाराणसी, बरेली, नोएडा, आगरा, गोरखपुर समेत यूपी के 20 जिलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की घोषणा की है। इस कोर्ट में महिलाओं से जुड़े अपराध शामिल किए जाएंगे।
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मेरठ में कई दिनों से फर्स्ट ट्रेक कोर्ट की मांग की जा रही थी। इस कोर्ट की स्थापना से मेरठ के लोगों को जल्द ही न्याय मिल सकेगा। जबकि साधारण कोर्ट में अभी भी लोगों के मुकदमें पेंडिंग पड़े हुए है। लोगों को न्याय नहीं मिल रहा है।
-रोहिताश्व अग्रवाल
अध्यक्ष, मेरठ बार एसोसिएशन
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पहले से मेरठ में तीन फस्ट ट्रैक कोर्ट चल रही हैं, जिसमें लोगों को काफी राहत है। अगर एक और कोर्ट मेरठ में बन जाएगी तो लोगों को जल्द ही न्याय मिल सकेगा।
-प्रबोध शर्मा
महामंत्री, मेरठ बार एसोसिएशन
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मेरठ बार एसोसिएशन की तरफ से पिछले कई सालों से महिला उत्पीड़न व अन्य अपराधों के मामलों को निस्तारण के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की मांग की जा रही थी, सरकार का यह सराहनीय कदम है।
-अनिल बख्शी
पूर्व अध्यक्ष, मेरठ बार एसोसिशन
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फास्ट ट्रैक कोर्ट बनने से मेरठ के लोगों को काफी राहत मिलेगी। कोर्ट में चल रहे पेंडिंग मुकदमों का जल्द ही निपटारा होगा।
-हरिमोहन शर्मा
वरिष्ठ अधिवक्ता
मेरठ में कोर्ट
80- कोर्ट
78 -जज
55 - सरकारी वकील
5 हजार - अधिवक्ता
2 लाख - पेंडिग केस
6 हजार- लोगों का रोजाना कचहरी में आना-जाना
5 हजार- मुंशी
40- कोर्ट की है आवश्यकता
3 - फास्ट टै्रक कोर्ट