ALLAHABAD: किसी व्यक्ति की उम्र अगर 45 वर्ष है, तो उसके बड़े बेटे की उम्र 40 वर्ष हो सकती है क्या? कोई 27 बच्चों का बाप बन सकता है क्या? अगर डॉक्टरों और वैज्ञानिकों से या फिर किसी सामान्य व्यक्ति से यह सवाल किया जाए तो वह यही कहेगा कि मजाक कर रहे हो क्या? यह असंभव है। ऐसा बिल्कुल नहीं हो सकता है। लेकिन इलाहाबाद नगर निगम के वार्ड 51 दारागंज में कुछ ऐसा ही गड़बड़झाला हुआ है। वह भी हवा-हवाई नहीं बल्कि ऑन रिकार्ड।

 

बड़ी गड़बड है भाई

नगर निकाय चुनाव के लिए निर्वाचन विभाग द्वारा मतदाताओं की जो लिस्ट जारी की गई है, उसमें कुछ इसी तरह की गड़बडि़यां सामने आई हैं। इससे साबित होता है कि वोटर लिस्ट बनाने में किस हद तक लापरवाही की गई है। वोटर्स की संख्या को फर्जी तरीके से न सिर्फ बढ़ाया गया है, बल्कि पूरे सिस्टम का मजाक बना कर रख दिया गया है। यह तो केवल उदाहरण है। वोटर लिस्ट में इसी तरह की एक नहीं बल्कि सैकड़ों गड़बडि़यां की गई हैं, जो इस प्रकार हैं।

 

गड़बड़ी-1

शहर के वार्ड 51 दारागंज भाग संख्या 545 के मकान नंबर 47 में रहने वाले निरंजन की उम्र 45 वर्ष है। उनके एक-दो, चार नहीं बल्कि 27 बच्चे हैं। इसमें से कुछ बच्चों की उम्र निरंजन कुमार से केवल पांच वर्ष कम यानी 40 वर्ष है।

(वार्ड के लोगों का आरोप है कि मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए इस तरह से फर्जीवाड़ा किया गया है। फर्जी तरीके से नामों को शामिल किया गया है.)

 

गड़बड़ी-2

बैरहना स्थित मलाकराज के रहने वाले अभिषेक सिंह मकान नंबर 143-एओ लश्कर लाइन में अपने परिवार के नौ सदस्यों के साथ रहते हैं। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पूरे परिवार के साथ मतदान भी करते हैं, लेकिन निकाय चुनाव में मतदान करने से इस बार वंचित रह जाएंगे, क्योंकि वोटर लिस्ट में उनका और उनके परिवार के सभी नौ सदस्यों का नाम ही नहीं है।

(अभिषेक सिंह तो केवल एक उदाहरण हैं, शहर में ऐसे हजारों लोग हैं, जिनका नाम वोटर लिस्ट से गायब है.)

 

गड़बड़ी-3

अगर किसी व्यक्ति का नाम राजकुमार है, तो वोटर लिस्ट में दूसरे क्रमांक में भी राजकुमार का नाम कैसे हो सकता है? भारद्वाजपुरम के वोटर लिस्ट में इस तरह की भारी गड़बड़ी हुई है। कई नाम ऐसे हैं, जो बराबर के क्रम में दो-दो, तीन-तीन बार रिपीट हुए हैं।

 

गड़बड़ी-4

वार्ड 52 प्रयाग घाट के रहने वाले करीब 700 से अधिक लोगों का नाम उनके वार्ड के वोटर लिस्ट में है ही नहीं। जब लोगों ने अपना नाम ढूंढना शुरू किया तो पता चला कि उनका नाम वार्ड 23 अलोपीबाग के वोटर लिस्ट में शामिल है। इसकी शिकायत लोगों ने की है, लेकिन गड़बड़ी दूर नहीं हुई है। इसी तरह वार्ड 23 अलोपीबाग के 900 लोगों का नाम वार्ड 42 के वोटर लिस्ट में शामिल कर दिया गया है।

 

गड़बड़ी-5

कैंटोनमेंट एरिया के वाशिंदों और वोटरों को नगर निगम सीमा क्षेत्र के वार्ड का वोटर नहीं बनाया जा सकता है। लेकिन इस बार नगर निगम के चुनाव में वोटरों की संख्या बढ़ाने के लिए कैंटोनमेंट के वार्ड 7 के लोगों का नाम वार्ड 23 के वोटर लिस्ट में शामिल किया गया है।

 

 

वोटर लिस्ट में इस तरह की गड़बडि़यां आम हो गई हैं। बड़े पैमाने पर लोगों का नाम ही वोटर लिस्ट में नहीं है। वहीं सैकड़ों फर्जी नाम लिस्ट में शामिल किए गए हैं।

-कमलेश सिंह

पूर्व पार्षद

 

मेरे वार्ड के वोटर लिस्ट में भी खूब मनमानी की गई है। कुछ लोगों के प्रभाव में आकर वोटर लिस्ट में मनमाने तरीके से लोगों का नाम बढ़ाया गया है, जिनका कोई वजूद ही नहीं है।

-राजेश निषाद

पूर्व पार्षद