-ट्रेन में मिले थे मल्टीमीटर और औजार

-कोसीकलां स्टेशन पर 30 मिनट तक रोकी गई ट्रेन

-आपातकाल से निपटने को तैयार नहीं दिखा रेलवे

मथुरा। श्रीगंगा नगर से हाबड़ा के लिए जा रहे तूफान एक्सप्रेस में गुरुवार की सुबह करीब 36 मिनट तक यात्री दहशत के बीच सफर करते रहे। पलवल से ट्रेन के रवाना होते ही कोच एस-5 की सीट नंबर 38 के नीचे लावारिस रखे बैग में इलेक्ट्रोनिक मीटर टक-टक करने लगा था। जानकारी करने पर बैग मालिक का कोई पता नहीं लगा तो यात्रियों में दहशत फैल गई। रेलवे कंट्रोल रूम के फोन घनघनाने लगे। कोसीकलां रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को रोककर लावारिस बैग को नीचे उतारा गया। तब कहीं जाकर यात्रियों की जान में जान लौटी। करीब तीस मिनट बाद ट्रेन केा कोसीकलां से मथुरा के लिए रवाना किया गया। इस दौरान रेलवे आपातकालीन स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए कहीं भी तैयार नजर नहीं आया था।

श्रीगंगानगर से हाबड़ा के लिए जा रही तूफान मेल गुरुवार सुबह पलवल स्टेशन से 8 बजकर 50 मिनट पर मथुरा के लिए रवाना हुई। इस ट्रेन का अगला पडाव मथुरा ही था। ट्रेन के रवाना होने के बाद ही कोच एस-5 की बर्थ-38 के नीचे एक लावारिस बैग से टिक-टिक की आवाज यात्रियों को सुनाई दी। यात्रियों ने कोच में बैग के संबंध में जानकारी की, लेकिन बैग पर किसी ने अपना दावा नहीं किया। एक यात्री ने हिम्मत करके बैग को देखा तो उसमें इलेक्ट्रोनिक मशीन, औजार और रंग-बिरंगे तार रखे थे। इसे देखते ही कोच में बैठे यात्रियों के होश उड़ गए। पूरा कोच दहशत में आ गया था। यात्रियों ने रेलवे और पुलिस कंट्रोल रूम को कोच में बम होने की सूचना दी। बम की आशंका पर ट्रेन को कोसीकलां रेलवे स्टेशन के आउटर पर रोक लिया गया। कोच और बैग की की सटीक जानकारी होने के कारण रेलवे राजकीय पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल पहले से ही आउटर पर मौजूद था। कोच कंडक्टर रामकुमार यादव ने पुलिस को लावारिस बैग के रखे होने की जानकारी दी। और पुलिस ने बैग को नीचे उतर कर लिया। इस दौरान न बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा था और न ही रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी। पुलिसकर्मियों ने बैग को खोलकर देखा तो उनके भी होश फाख्ता हो गए। पर बैग के ऊपर रखे कागजों में मिले मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो रिसीव हो गया। जीआरपी प्रभारी बीडी पांडेय और आरपीएफ सब इंस्पेक्टर सीबी प्रसाद ने बताया कि बैग में मल्टीमीटर और कुछ तार रखे थे। बैग आईस्को पुणे महाराष्ट्र में कार्यरत सुंदर सिंह का था। जो ट्रेन में भूल गया था। वह दिल्ली में कंपनी का इलेक्ट्रिशियन है।

कोच हो गया था खाली

ट्रेन में सफर कर रहे यात्री बीके उपाध्याय ने बताया कि रंगीन तार और मल्टीमीटर की बनावट को देखकर यात्रियों ने बैग के बारे में पूछा था। जब किसी ने बैग पर अपना दावा नहीं किया तो यात्री भयभीत हो गए थे। कोच कंडक्टर रामकुमार यादव को इसकी जानकारी दी गई थी। यात्री किसी अनहोनी और दहशत के कारण कोच खाली करके चले गए थे। कोच कंडक्टर ने बैग को सीट के नीचे से उठाकर ट्रेन के दरवाजे पर रख दिया था।