- लोगों का कड़ा इम्तिहान लेगा फरवरी का महीना

- एग्जाम और एडमिशन की टेंशन देगी सिरदर्द, करनी होगी इनकम टैक्स बचाने की जुगत

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- लोगों का कड़ा इम्तिहान लेगा फरवरी का महीना

- एग्जाम और एडमिशन की टेंशन देगी सिरदर्द, करनी होगी इनकम टैक्स बचाने की जुगत

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: आजकल व्हाट्सएप पर एक मैसेज चल रहा है। इस फरवरी में मंडे से लेकर संडे तक सभी दिन चार-चार बार आएंगे। यह संयोग चाइनीज फेंगशुई में 'मनी बैग' कहलाता है। यानी लोगों की पैसे जुड़ी प्रॉब्लम्स इस महीने सॉल्व हो जाएंगी। लेकिन, रियलिटी तो कुछ और कहती है। मैंगो पीपुल यानी आम आदमी के लिए फरवरी टेंशन से भरी होती है। फिर चाहे स्टूडेंट्स हों या कर्मचारी-अधिकारी। सभी को इस महीने कुछ डिफिकल्ट टास्क पूरे करने जरूरी हैं, वरना कई तरह के नुकसान का सामना उन्हें करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कौन-कौन सी टेंशन हैं जो इस फरवरी आपकी नींद उड़ाएंगी।

टेंशन नंबर एक

तीन महीने की फीस और बाकी खर्च

किसी भी ईयर में फरवरी मंथ से कांवेंट स्कूलों में एडमिशन का दौर शुरू हो जाता है। स्कूलों में आवेदन करते-करते पैरेंट्स की चप्पलें घिस जाती हैं। काफी सिफारिश और जैक लगाने के बाद नंबर आता है तो तीन महीने की फीस और कहीं-कहीं मोटा डोनेशन भी मांगा जाता है। हजारों रुपए फीस जमा करने के बाद ड्रेस, कापी-किताबें और बाकी खर्च अगले कई महीनों का बजट बिगाड़ देते हैं। इस महीने लाखों की संख्या में पैरेंट्स इसी प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं।

टेंशन नंबर दो

बाप रे बाप, बोर्ड एग्जाम

स्टूडेंट्स के लिए यह महीना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। क्9 फरवरी से यूपी बोर्ड के एग्जाम शुरू हो रहे हैं। जिनकी तैयारी चरम पर है। लाखों की संख्या में स्टूडेंट इस एग्जाम में बैठेंगे, उनकी प्रिपरेशन में पैरेंट्स भी पूरी तरह इन्वॉल्व हैं। उनका टाइम टेबल सेट करने के लिए माता-पिता को भी अपना रूटीन चेंज करना पड़ा है। इसके अलावा सीबीएसई के एग्जाम भी दो मार्च से है। ये तैयारी भी करनी है। आईसीएसई के एग्जाम भी होने वाले हैं। कुल मिलाकर इस महीने पढ़ाई ज्यादा करनी होगी।

टेंशन नंबर तीन

टैक्स कटौती से बचने की माथापच्ची

सरकारी हो या प्राइवेट इम्प्लाई, जो भी इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं उन्हें फरवरी में इनकम टैक्स कटौती से बचने के लिए अपनी सेविंग संबंधी प्रूफ शो करने होंगे। वर्ना सैलरी डिडक्ट होकर अगले मंथ में मिलेगी। अगर एक लाख रुपए इनकम टैक्स के दायरे में आता है तो क्0 हजार का इनवेस्टमेंट शो करना होगा। इसके लिए ज्यादा मशक्कत करनी होगी। एक प्राइवेट फर्म के इम्प्लाई सुबोध कांत बताते हैं कि उन्होंने रिटर्न फाइल करने की फार्मेलिटीज पूरी कर ली है। सबसे ज्यादा दिक्कत बिजनेसमैन को होती है।

टेंशन नंबर चार

त्योहार का खर्च कहां से लाएंगे

मार्च की शुरुआत में ही होली का त्योहार है। जिसकी तैयारी भी फरवरी मंथ मे ही होनी है। परिवार के सभी मेंबर्स के कपड़े, कचरी-पापड़, रंग, पिचकारी और वगैरह-वगैरह। ऐसे में हजारों रुपए का खर्च है। सरकारी विभाग में सीनियर क्लर्क विनोद सिंह कहते हैं कि बच्चे की फीस जमा करने और दूसरे खर्च के बाद अब सेविंग डिस्टर्ब हो गई है। ऐसे में त्योहार की तैयारी करना मुश्किल साबित होगा। इस महीने उन्हें अपने दोस्तों से कर्ज लेना पड़ सकता है।

मनी बैग आएगा, बल्कि जाएगा

चाइनीज फेंगशुई में फरवरी मंथ को मनी बैग कहा जाता है। इस मंथ में मंडे, ट्यूजडे, वेडनसडे, थर्सडे, फ्राइडे, सैटरडे और संडे सभी चार-चार हैं। ऐसे में लोगों की इकनॉमिकल नीड पूरी हो सकती है। बावजूद इसके टेंशंस बताती हैं कि यह मंथ अधिकतर फैमिलीज की नीड पूरी करने के बजाय उनका इकनॉमिक स्थिति खराब कर देगा। इतना ही नहीं, व्हाट्सएप और फेसबुक पर मनी बैग वाले मैसेज को पांच से लेकर क्क् लोगों को फारवर्ड करने की भी वकालत की जा रही है।