-बीबीएल पब्लिक स्कूल ने 7 वीं क्लास के छात्र को क्लास से निकालकर लाइब्रेरी में बैठाया

BAREILLY: फीस अध्यादेश लागू होने के बावजूद स्कूलों की मनमानी जारी है। किला के एक पब्लिक स्कूल ने भी फीस न देने पर 7वीं क्लास के छात्र को क्लास से निकालकर लाइब्रेरी में बैठा दिया। यही नहीं उसे पूरे दिन भूखा रखा गया। छात्र के पिता ने पुलिस अधिकारियों से शिकायत की। पुलिस ने स्कूल मालिक व प्रिंसिपल के खिलाफ बच्चे को मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना देने की आईपीसी की धारा 342 व 352 और जुवेनाइल एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है।

11 हजार फीस थी बकाया

ख्वाजा कुतुब निवासी, सारिका आर्य का बेटा पार्थ आर्य बीबीएल पब्लिक स्कूल में क्लास 6 पास कर 7वीं में पहुंचा है। सारिका के मुताबिक बच्चे की 11 हजार रुपए फीस जमा करनी बाकी है। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते वह एक साथ पूरी फीस नहीं जमा कर सकीं। उन्होंने स्कूल मैनेजमेंट से इंस्टालमेंट में फीस जमा करने की रिक्वेस्ट की, लेकिन स्कूल मैनेजमेंट ने मना कर दिया। 2 अप्रैल को पार्थ ने स्कूल जाना शुरू किया। उन्होंने बच्चे की नई किताबें व यूनिफार्म भी ले ली थी।

फोन किया और काट दिया नाम

सारिका का आरोप है कि 16 मार्च को स्कूल से फोन आया कि यदि तुरंत फीस जमा नहीं की तो बच्चे का नाम स्कूल से काट दिया जाएगा। उन्होंने कुछ घंटे का समय मांगा और एक साथ फीस जमा करने की बात कही लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। उनसे कहा गया कि अपने बच्चे को स्कूल से लेकर जाओ, वरना बच्चे को ऐसे ही भेज दो। यहीं नहीं बच्चे की टीसी देकर उसका नाम काट दिया गया। उनके बच्चे को क्लास से निकालकर लाइब्रेरी में बैठा दिया गया। बच्चे को दोपहर तक न कुछ खाने को दिया और न ही पानी पीने को दिया। बच्चे का मानसिक व शारीरिक शोषण किया गया।

परिवार का उड़ाया मजाक

सारिका का आरोप है कि स्कूल में बच्चे के माता-पिता की आर्थिक स्थिति का मजाक उड़ाया गया, जिससे बच्चा काफी डरा हुआ है। वह किसी से बात नहीं कर रहा है। उन्होंने स्कूल के मालिक सर्वेश अग्रवाल और प्रधानाचार्य दीपक के खिलाफ बच्चे का मानसिक व शारीरिक शोषण करने की तहरीर दी। पुलिस ने इसी आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली है।

स्कूल से फीस न जमा होने पर नाम काटने का मामला आया है। बच्चे को प्रताडि़त करने का भी आरोप है। एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

केके वर्मा, एसएचओ किला

12 अक्टूबर 2017 को परिजनों को 11 हजार फीस न चुकाने पर नोटिस दिया गया था। बच्चे को एग्जाम में भी बैठने दिया गया था। फिर भी फीस न जमा करने के चलते नाम काटना हमारी मजबूरी हो गई थी।

दीपक अग्रवाल, प्रिंसिपल बीबीएल पब्लिक स्कूल