-प्राइवेट इंग्लिश स्कूल्स मनमाने तरीके से वसूल रहे फीस

- एक ही क्लास में एक-दूसरे स्कूल्स की फीस अलग

VARANASI

प्राइवेट इंग्लिश स्कूल का बोर्ड भले एक है पर फीस अलग-अलग है। यही नहीं इन स्कूल्स में सिलेबस भी एक समान है। बावजूद एक ही क्लास में भिन्न-भिन्न स्कूल्स में अलग-अलग फीस वसूला जा रहा है। खास बात यह है कि कक्षा आठ तक मान्यता प्राप्त कई स्कूल्स में खेल का ग्राउंड तक नहीं है। फिर भी स्टूडेंट्स से बकायदा गेम फीस लिया जा रहा है। पेरेंट्स के मुताबिक नर्सरी में किसी स्कूल में एक हजार रुपये तो किसी में ब्भ्00 रुपये मंथली फीस ली जा रही है। इसी प्रकार कक्षा नौ व ग्यारह में कुछ में ख्ख्00 व ख्ब्00 रुपये लिए जा रहे हैं। तो कई स्कूल्स में म्क्00 व म्म्00 रुपये मंथली फीस वसूली जा रही है। इस प्रकार एक ही बोर्ड में एक ही क्लास में एक दूसरे स्कूल के फीस में तीन गुने से भी अधिक का अंतर है। इसके पीछे सीबीएसई द्वारा फीस निर्धारण को लेकर स्पष्ट गाइड लाइन का अभाव बताया जा रहा है। इसे देखते हुए डीआईओएस ओपी राय ने सीबीएसई बोर्ड को एक लेटर लिखने का डिसीजन लिया है ताकि इन स्कूल्स में मनमानी फीस वसूली पर लगाम लगाई जा सके। उन्होंने बताया कि प्रिंसिपल से दस बिंदुओं पर तीन दिनों के अंदर एफिडेविट मांगी गयी है। शपथ पत्र आने के बाद अपने स्तर से इसकी चेकिंग भी कराई जाएगी। झूठा एफिडेविट देने वाले संबंधित स्कूल्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।