- अपनी कंप्लेंस लेकर बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग पहुंचे गार्जियंस

- केंद्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भी मामले से कराया जाएगा अवगत

PATNA : निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ गार्जियंस गोलबंद हो गए हैं। विभिन्न मदों में मनमाने ढंग से स्कूलों की ओर से वसूली जा रही रकम गार्जियन की जेब पर भारी पड़ रही है। गार्जियन का आक्रोश इस बात को लेकर भी है कि जो सुविधाएं स्कूल प्रशासन बच्चों को अवेलेबल नहीं करा रहा है, उस मद में भी राशि ली जा रही है। अपनी कंप्लेंस लेकर गार्जियन बाल अधिकार संरक्षण आयोग पहुंचे। गार्जियंस ने अपनी कंप्लेन अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के जरिए आयोग तक पहुंचाते हुए मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। अब आयोग सीबीएसई नई दिल्ली के अध्यक्ष को पत्र भेज रहा है। स्टेट बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली को भी इस मामले से अवगत करा रहा है।

मनमाना वसूल रहे हैं स्कूल्स

आयोग की अध्यक्ष निशा झा ने बताया कि दरभंगा दौरे के दौरान अखिल भारतीय पंचायत ने उनसे मुलाकात कर इस मामले की शिकायत की। मामले से संबंधित अप्लीकेशन भी अध्यक्ष को सौंपा गया। अप्लीकेशन में इस बात का जिक्र किया गया है कि फी स्ट्रक्चर तो ज्यादा है ही, साथ ही स्कूल के डेवलपमेंट के नाम पर हर साल मनमानी राशि वसूली जा रही है। इस बीच टर्म फी, फैकल्टी विकास फी, रजिस्ट्रेशन फी, एसएलसी व स्कूल स्टैब्लिशमेंट के नाम पर भी पैसे लिए जाते हैं। गार्जियंस का मानना है कि स्कूल प्रशासन विभिन्न मद के नाम पर गलत तरीके से अधिक राशि वसूल रहा है। गार्जियंस का आक्रोश इस बात को लेकर भी है कि सीबीएसई के मानकों के अनुसार स्कूल सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराता, पर उस मद में पैसे लिए जाते हैं। सीबीएसई के मानक के अनुसार प्लेग्राउंड अधिकतर स्कूलों में नहीं है, लेकिन स्ट्रैब्लिशमेंट मद में पैसे लिए जाते है। फोरम ने कुछ स्कूलों के मॉडल भी आयोग के समक्ष पेश किया है।

सीबीएसई को भेजा जा रहा लेटर

गार्जियंस की कंप्लेन के मद्देनजर निशा झा ने कहा कि आयोग अभिभावकों की शिकायतों को लेकर सीबीएसई नई दिल्ली के अध्यक्ष को लेटर भेज रहा है। आयोग स्कूलों के लिए बनाई गई नियमावली की बाबत बोर्ड की स्थिति स्पष्ट करने को कहेगा, साथ ही केंद्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भी मामले से अवगत कराया जाएगा। जरूरत हुई तो सीबीएसई की नियमावली में संशोधन करने की अनुशंसा भी की जाएगी।