-गवर्नमेंट व प्राइवेट हॉस्पिटल्स में लगातार बढ़ रहे हैं वायरल फीवर के मरीज

-मंडलीय और ष्ठष्ठ में फुल जा रही है ह्रक्कष्ठ

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मौसम का उतार-चढ़ाव बीमारियों की पोटली लेकर आया है। बारिश के बाद कभी धूप कभी छांव तो कहीं-कहीं जलजमाव और गंदगी के चलते संक्रामक बीमारियां तेजी से पनप रहीं है। मलेरिया, टायफायड, चेस्ट इंफेक्शन, डायरिया से पीडि़त मरीजों से गवर्नमेंट से लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल्स तक फुल हैं। मंडलीय हॉस्पिटल से लेकर पं। दीनदयाल उपाध्याय डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में रोजाना पांच सौ से अधिक वायरल फीवर के पेशेंट पहुंच रहे हैं।

जब भी मौसम बदलता है तब तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण शरीर का इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर हो जाता है। जिसके चलते वायरस से बॉडी जल्दी संक्रमित हो जाती है। इस समय ओपीडी में सवा सौ से अधिक वायरल फीवर के पेशेंट आ रहे हैं।

डॉ। प्रमोद कुमार, फिजिशियन

डीडीयू हॉस्पिटल

वायरल फीवर के लक्षण अन्य आम फीवर के तरह ही होते हैं। मगर इसको नजरअंदाज करने पर अवस्था गंभीर हो सकती है। फीवर होने के फ‌र्स्ट स्टेज में गले में दर्द, थकान, खांसी आदि होता है।

डॉ। सुनील मिश्र, फिजिशियन

बच्चे सबसे अधिक वायरल फीवर के शिकार हो रहे हैं। खान-पान में लापरवाही और सफाई का ध्यान नहीं देने से उन्हें बीमारियां तेजी से जकड़ रही हैं। बच्चों के अलावा बुजुर्ग भी वायरल फीवर की जद में हैं। आईएमए में वायरल फीवर के केस बढ़ गए हैं।

डॉ। कार्तिकेय सिंह, सेक्रेटरी

आईएमए

बदन में दर्द और सिर दर्द के अलावा थकान महसूस हो तो संभल जाइए। यह वायरल फीवर का लक्षण है। मसालेदार भोजन से परहेज करें और तुरंत पैरासिटामॉल की गोली भी खाएं। वायरल फीवर को नजरअंदाज न करें, इसका प्रॉपर इलाज कराएं।

डॉ। शैलेश मालवीय, फिजिशियन

वायरल फीवर के लक्षण

थकान, मांसपेशियों या बदन में दर्द,

तेज बुखार, खांसी, जोड़ों में दर्द, दस्त, स्किन के ऊपर रैशज, सर्दी, गले में दर्द, सर दर्द, आंखों में लाली और जलन का अनुभव आदि।

उपचार

-मरीज के बॉडी पर सामान्य पानी की पट्टियां रखें, पट्टियां तब तक रखें, जब तक शरीर का तापमान कम न हो जाए

-अगर माथे के साथ-साथ शरीर भी गर्म है तो नॉर्मल पानी में कपड़ा भिगोकर निचोड़ें और उससे पूरे शरीर को पोछें

-मरीज को हर छह घंटे में पैरासिटामॉल की एक गोली दे सकते हैं। दूसरी कोई गोली डॉक्टर से पूछे बिना न दें

-दो दिन तक बुखार ठीक न हो तो मरीज को डॉक्टर के पास जरूर ले जाएं

-साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखें मरीज को वायरल है, तो उससे थोड़ी दूरी बनाए रखें और पेशेंट द्वारा यूज की गई चीजें इस्तेमाल न करें

-पेशेंट को पूरा आराम करने दें, खासकर तेज बुखार में, आराम भी बुखार में इलाज का काम करता है

-मरीज छींकने से पहले नाक और मुंह पर रुमाल रखें, इससे वायरल होने पर दूसरों में फैलेगा नहीं

-वायरल फीवर में एंटीबॉयटिक दवाओं की कोई भूमिका नहीं होती, वायरल फीवर 5 से 7 दिनों में ठीक हो जाता है

-इसका इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है, पेशेंट को पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज और इलेक्ट्रोलाइट लेना चाहिए

परहेज

-बाहर की कोई भी चीज नहीं खाएं, जैसे फास्टफूड-कोल्डड्रिंक, कटे फल, खुले में बिक रहे जूस

-फुल बांह के कपड़े पहनकर ही बाहर निकलें

-घर के आस-पास बारिश का पानी नहीं जमा होने दें, इसमें मच्छर पनप सकते हैं

-पानी ब्वॉयल करके ठंडा होने पर पीएं