कर्मचारियों की हड़ताल कारण शहर की यातायात व्यवस्था ठप पड़ गई है. ब्राज़ील में गुरुवार से फ़ुटबॉल विश्व कप शुरू हो रहा है.

मेट्रो कर्मचारी कम से कम 10 फ़ीसदी वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं. मेट्रो ट्रेन हड़ताल के दूसरे दिन धरना-प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया है.

हड़ताल की वजह से साओ पाओलो की परिवहन व्यवस्था में काफ़ी अव्यवस्था देखी जा रही है. वहां क़रीब आधे मेट्रो स्टेशन बंद हैं और ब्राज़ील के सबसे बड़े शहर की सड़कों पर भारी जाम लगा हुआ है.

मेट्रो कर्मचारियों और सरकार के बीच बातचीत का नया चरण भी असफल रहा है और ऐसे में हड़ताल जारी ही रहेगी.

शुक्रवार की सुबह साओ पाओलो के एक-तिहाई मेट्रो स्टेशन बंद रहे और पूरे शहर में सुबह के वक़्त क़रीब 200 किलोमीटर तक का लंबा ट्रैफिक जाम लगा रहा.

आंसू गैस और लाठियाँ

पुलिस ने मध्य साओ पाओलो में एना रोसा स्टेशन के बाहर प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस छोड़े और लाठियां बरसाईं.

सेना पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि जब धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों और मेट्रो में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे लोगों के बीच झड़प होने लगी तभी अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा.

ब्राज़ीलः विश्व कप से पहले सड़कों पर प्रदर्शन

शुक्रवार की दोपहर साओ पाओलो स्टेडियम में हुए एक दोस्ताना मैच में ब्राज़ील ने सर्बिया को 1-0 से मात दी. मोरुंबी नाम के इस स्टेडियम का इस्तेमाल वर्ल्ड कप के दौरान नहीं किया जाएगा.

हड़ताल और लगातार हो रही बारिश से करीब 60,000 दर्शकों के धैर्य की परीक्षा हो रही है जो टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ब्राज़ील के अंतिम मैच को देखने के लिए आए हैं.

वर्ल्ड कप 12 जून से शुरू होने वाला है और पहला मैच साओ पाओलो के बाहरी इलाक़े में मौजूद इटाक्वेराओ स्टेडियम में मेज़बान देश ब्राज़ील और क्रोएशिया के बीच खेला जाएगा.

फुटबॉल की विश्व संस्था फीफा ने गुरुवार को कहा कि उसे पूरा भरोसा है कि विश्व कप का आयोजन सफल रहेगा.

गुरुवार को फीफा के अध्यक्ष सेप ब्लैटर ने कहा, "मैं आशावादी हूं. मुझे लगता है कि टूर्नामेंट शुरू होने के बाद माहौल बेहतर हो जाएगा."

विश्व कप की तैयारी

ब्राज़ीलः विश्व कप से पहले सड़कों पर प्रदर्शन

साओ पाओलो में मौजूद बीबीसी के केटी वॉटसन ने कहा कि विश्व कप का मैच देखने के लिए इटाक्वेराओ स्टेडियम तक पहुंचने के लिए सार्वजनिक परिवहन ही एक ज़रिया है इसी वजह से इसे दुरुस्त करने के लिए ब्राज़ील की सरकार पर इस वक़्त काफी दबाव है.

ब्राज़ील की राष्ट्रपति दिल्मा रुसेफ ने विश्व कप की तैयारी पूरी होने की बात कही है. उन्होंने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, "दुनिया में हर जगह इन बड़ी इंजीनियरिंग परियोजनाओं में कुछ न कुछ दिक्कत आती रहती है."

उनका कहना है कि इन प्रदर्शनों से टूर्नामेंट में कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी.

ब्राज़ील में ख़राब शासन और वर्ल्ड कप तथा ओलंपिक की तैयारियों में अत्यधिक ख़र्च किए जाने के ख़िलाफ़ एक साल से सड़कों पर प्रदर्शन हो रहा है. वर्ष 2016 में रियो डी जेनेरियो ओलंपिक की मेज़बानी करेगा.

कई ब्राज़ीलावासियों का कहना है कि वे धरना-प्रदर्शन और हड़ताल से उकता चुके हैं. उनका कहना है कि देश को विश्व कप जैसे महत्वपूर्ण इवेंट के आयोजन की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए सराहना करनी चाहिए और इसका आनंद उठाना चाहिए.

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