दुर्दशा को उकेरा गया

फिल्म ‘गौरैया’ का बीआर वीजन में हुआ है। इस फिल्‍म के निर्माता बोधराज गुनेजा हैं। इसके साथ ही इसके निर्देशक राजेश हंस है। फिल्‍म में सुमित चावला, रैया सिन्हा, विजय जोरा, कर्मवीर चौधरी समेत कई कलकारों ने काम किया है। इसके संगीत निर्देशक शिव रजारिया हैं। इस फिल्‍म की सबसे खास बात तो यह है कि 21वीं सदी में भी ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की ऐसी दुर्दशा को उकेरा गया है कि शायद किसी ने कल्‍पना नहीं की होगी। जिससे इस फिल्म के जरिए निर्देशक ने समाज के दूसरे पहलू को बयां करने की कोशिश की है।

शोषण का शिकार

बुंदेलखंड के बीहड़ों में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को दर्शाती फिल्म ‘गौरैया’ में उन महिलाओं की जीवन व्यथा को दिखया गया है जो ठेकेदारों के यहां बंधुआ मजदूरी करती हैं। हर महिला के बंधुआ मजबूरी करने का कोई न कोई कारण जरूर है जिससे वे तेंदू पत्ता के जंगलों के ठेकेदारों के यहां बंधुआ मजदूर के रूप में तैनात हैं। मेहनत मजदूरी के बाद भी वह रात दिन शोषण का शिकार होती हैं। डकैतों से लेकर पुलिस अधिकारी तक उनके शरीर से अपनी हवस मिटाते हैं। पूरी फिल्‍म एक लडक़ी सुखना पर आधारित है। जो कर्ज में लदे अपने पिता को की परेशानी कम करने के लिए ठेकेदार काली पटेल  (विजय जोरा) की बंधुआ मजदूर बन जाती है।

कोई कसर नही छोड़ी

अभिनेत्री रैया सिन्‍हा फिल्‍म में सुखना का किरदार निभा रही है। सबसे खास बात तो यह है कि रैया सिन्हा इस फिल्म से सिनेमा में डेब्‍यू करने जा रही है। सुखना के बंधुआ मजदूर बनने के बाद बस यही से उसकी जिंदगी का काला सच शुरू हो जाता है। उसे हर दिन किसी न किसी की थाली का भोजन बनना पड़ता है। इस फिल्म में सुमित चावला भी हैं। अभिनेता सुमित सुखना के पति की भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा इस फिल्‍म में डाकू धनवा (कर्मवीर चौधरी) का रोल काफी अहम है। इस फिल्‍म में बीहड़ को पर्दे पर उतारने में कोई कसर नही छोड़ी गई।

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