- जिला पंचायत अध्यक्ष ने 24 अप्रैल के अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही मानी हार

-सूबे की भाजपा सरकार, प्रशासन व जिला पंचायत सदस्यों पर लगाया असहयोग का आरोप

मेरठ: नाटकीय घटनाक्रम के बाद बुधवार शाम करीब 4 बजे जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान ने प्रभारी सीडीओ/परियोजना निदेशक डॉ। रवि किशोर त्रिवेदी को अपना इस्तीफा सौंपा। पिछले काफी समय से चले आ रहे घमासान के बाद अविश्वास प्रस्ताव की नियत तिथि 24 अप्रैल से पहले जिला पंचायत अध्यक्ष ने सरेंडर कर दिया है। इससे पूर्ण कुटी स्थित अपने आवास पर पत्रकार वार्ता में उन्होंने प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद जिला पंचायत सदस्यों व प्रशासन पर असहयोगपूर्ण रवैया अपनाने के आरोप लगाए। उन्होंने कहाकि नौचंदी मेले की तैयारियों के साथ ही हर छोटे-मोटे काम पर भी उन्हें घेरा जा रहा था।

होली से शुरू हुई सियासत

सूबे की भाजपा के प्रचंड बहुमत के साथ ही जिला पंचायत की राजनीति में हलचल आ गई थी। होली के बाद एक ओर जहां सीएम योगी की ताजपोशी हुई तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्यों ने जनबल बढ़ाना शुरू कर दिया था। एक होली मिलन समारोह में सपा के पूर्व कबीना मंत्री के पुत्र और जिला पंचायत सदस्य नवाजिश शाहिद को अपने खेमे में बुलाकर विपक्षियों ने विरोध का ऐलान कर दिया था। सपा कार्यकाल में जिला पंचायत पद प्रबल दावेदार रहे नवाजिश की भूमिका इस उलटफेर में महत्वपूर्ण रही।

दिया था अविश्वास प्रस्ताव

सीमा प्रधान के खिलाफ 34 में से 24 जिला पंचायत सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के अंतर्गत जिला प्रशासन को शपथ-पत्र सौंप दिए थे। ऐसे में तत्कालीन डीएम बी। चंद्रकला ने 24 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के आदेश दिए थे। मतदान की तिथि निकट आने के साथ ही जोर-आजमाइश तेज हो गई थी। दोनों गुटों की ओर से गोपनीय बैठक के साथ ही सार्वजनिक तौर पर बुलाकर अपने-अपने पक्ष में बहुमत का दावा किया जाता रहा। सोमवार को भाजपा ने सांसद, विधायक व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष की समिति बनाकर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर अपनी पकड़ बनाने के निर्देश दिए थे।

लगाए गंभीर आरोप

निवास पर पति सपा नेता अतुल प्रधान के साथ पत्रकार वार्ता में सीमा प्रधान ने इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से मुझे अपमानित करने व अपदस्थ करने का षडयंत्र रचा जाता रहा। हर छोटे-मोटे फैसले पर भी अनावश्यक विरोध होने लगा। जबकि भाजपाइयों ने साढ़े तीन घंटे तक डीएम आवास पर अविश्वास प्रस्ताव के अंतर्गत शपथ-पत्र देने के नाम पर अव्यवस्था बनाए रखी। उनके खिलाफ प्रशासन ने कुछ नहीं किया। 14 जनवरी 2016 को अध्यक्ष पद की शपथ लेने वाली सीमा प्रधान ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पूरे मामले से अवगत करा दिया गया है।

चुनाव में दिखाएंगी दम

उन्होंने कहा कि पिछली बार एक मत से चुनाव जीते थे। इस बार फिर से मजबूती से चुनाव लड़कर अध्यक्ष बनूंगी। इस्तीफा देने के बाद सीमा प्रधान ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को बताया कि विपक्ष की लामबंदी के बाद कुर्सी पर बना रहना मुश्किल था। अपर मुख्य अधिकारी एसपी शर्मा ने तत्काल शासन को सीमा प्रधान के इस्तीफे की जानकारी दे दी। उन्होंने आगामी प्रक्रिया के बारे में बताया कि राज्य चुनाव आयोग को यथास्थिति की जानकारी देकर चुनाव के डेट मांगी जाएगी। 6 माह की अवधि में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर दोबारा वोटिंग कराई जाएगी।

धमकी भरा पत्र मिला है

अतुल ने बताया कि 17 अप्रैल को जिला पंचायत अध्यक्ष के पास रजिस्टर्ड डाक से धमकी भरा पत्र आया। बकौल अतुल इसमें उन्हें नसीहत देते हुए राजनीति से बाज आने की हिदायत दी गयी। अनजान व्यक्ति की ओर से भेजे पत्र के बाद नौचंदी थाने में एफआइआर करायी गयी। उन्होंने साफ किया कि जिला पंचायत से इस्तीफे का धमकी से कोई ताल्लुक नहीं है। दोनों अलग प्रकरण हैं। इस दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह, चैतन्य देव स्वामी समेत कई छात्र नेता उपस्थित रहे। प्रेसवार्ता में उन्होंने विधायक संगीत सोम पर निशाना साधा।

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जिला पंचायत अध्यक्ष का इस्तीफा मिला है, इसे स्वीकार कर शासन को जानकारी दे दी गई है। इस्तीफे के संबंध में नोटिफिकेशन तैयार कर शासन और चुनाव आयोग को भेजा जा रहा है। आयोग के निर्देश पर अग्रिम कार्यवाही आरंभ होगी।

डॉ। रवि किशोर त्रिवेदी, पीडी/प्रभारी सीडीओ