फर्जी हस्ताक्षर कर दूसरे की प्रॉपर्टी पर करोड़ों का ऋण लेने का मामला

चचेरे भाई के प्रार्थना पत्र पर न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा

शिकोहाबाद: नगर के एक उद्यमी के खिलाफ चचेरे भाई ने फर्जी हस्ताक्षर कर उसकी प्रॉपर्टी पर करोड़ों रुपये का बैंक लोन लेने का मुकदमा दर्ज कराया है। अदालत के आदेश पर प्रतिवादियों के खिलाफ थाने में मामला पंजीकृत कराया गया है।

मामला वर्ष 2011 का बताया गया है। कटरा बाजार स्थित गंगा मार्केट निवासी संजीव वर्मा पुत्र राजाराम वर्मा ने जसराना कस्बा में मैसर्स राजाराम इस्पात लिमिटेड नाम से एक लोहा गलाने के फर्निश लगाई थी। इसे स्थापित करने के लिए गंगा मार्केट के नाम कैनरा बैंक से करोड़ों रूपये का लोन लिया था। इस मार्केट के स्वामी संजीव वर्मा, उनके चाचा रामगोपाल वर्मा एवं राकेश वर्मा हैं। राकेश वर्मा का आरोप है कि संजीव वर्मा ने बैंक मैनेजर की मिलीभगत से रामगोपल वर्मा और मेरे हस्ताक्षर फर्जी रूप से बनाए हैं। जब उन्हें मार्केट पर संजीव वर्मा द्वारा लोन लेने की बात पता चली तो वर्ष 2012 में थाना शिकोहाबाद में कंपनी के निदेशकों और बैंक प्रबंधक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला पंजीकृत कराया था। चूंकि मामला परिवार का था इसलिए पंचायत में संजीव वर्मा द्वारा जल्द बैंक की रकम जमा कर प्रॉपर्टी को मुक्त कराने की बात कही थी। इसके चलते लिखित राजीनामा हुआ था। इसके बाद भी संजीव द्वारा लोन अदा नहीं किया। बैंक ने बकाया भुगतान न होने पर रिकवरी जारी कर दी है। राकेश वर्मा के प्रार्थना पत्र पर न्यायाधीश के आदेश पर शिकोहाबाद थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। रिपोर्ट में संजीव वर्मा, रिचा वर्मा, प्रबंधक केनरा बैंक एवं राजकुमार वर्मा को आरोपी बनाया है।