LUCKNOW:

पुलिस की छवि को सुधारने के लिए निर्देश जारी हो रहे हैं लेकिन पुलिस कर्मी बार-बार खाकी को दागदार कर रहे है। रिश्वत लेने का एक और मामला सामने आया। इस बार पीडि़त को पुलिस महकमे से न्याय न मिलने पर उसने कोर्ट की शरण ली। दरोगा पर एक लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए उसने मडि़यांव थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। मामला पुराना है लेकिन कोर्ट के निर्देश पर केस दर्ज कर मडि़यांव पुलिस ने जांच शुरू कर दी।

45 हजार रुपये ले चुके थे दारोगा

गायत्री नगर नौबस्ता निवासी महेश्वरानंद ने वर्ष 2015 में उन्होंने सत्यकुमार, राघवेंद्र, अरविंद, शैलेन्द्र, धमर्ेंद्र और देवेंद्र के ऊपर मारपीट, जान से मारने की धमकी व लूटपाट समेत कई धाराओं में मामला दर्ज कराया था। इस मामले की विवेचना तत्कालीन चौकी इंचार्ज केशवनगर विवेक त्रिपाठी को मिली थी। दरोगा विवेक पीडि़त से मिले और उससे एक लाख रुपये की मांग की और पैसा न देने की स्थिति में मामले में एफआर लगाने की बात कही। किसी तरह पीडि़त ने जोड़ गांठकर 45 हजार रुपये दारोगा विवेक को दे दिए हालांकि पूरी रकम वह नहीं दे सका। दारोगा विवेक ने उसे अल्टीमेटम भी दिया और पीडि़त के बेटे को ही एक फर्जी मामले में जेल भेज दिया। पीडि़त इस मामले की शिकायत एसएसपी समेत कई उच्चाधिकारियों व कोर्ट में कर चुका था। कोर्ट के आदेश पर ही दारोगा विवेक त्रिपाठी व उसके साथ के सिपाही हरिकेश सरोज पर मामला दर्ज हुआ है। प्रभारी मडि़यांव अंजनी पांडेय ने बताया कि मामले की जांच चल रही है।

पीडि़त ने रिश्वत लेने की सीडी तैयार की थी

आरोपित दारोगा विवेक का इसी मामले को लेकर कुछ महीने पहले एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था। जिसमे वह सिपाही समेत पीडि़त के घर पैसे लेते हुए दिखे थे। पीडि़त के अनुसार 14 जून 2015 की रात लगभग बजे दरोगा विवेक त्रिपाठी और सिपाही हरिकेश उनके घर आये थे। पीडि़त ने जुटाई हुई 45 हजार रकम जो उसने जेवर गिरवी करके इकट्ठा की थी। वह दरोगा को दी थी। दरोगा ने बाकी की रकम हफ्ते भर के अंदर देने की धमकी दी और न दे पाया तो उसके बेटे को जेल भेज दिया। साक्ष्य के तौर पर पीडि़त ने जो सीडी सौंपी है वह 14 जून की ही है। बताया जा रहा है कि इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने अपनी छवि बचाने के लिए विवेक त्रिपाठी को इटौंजा थाने की मोहान चौकी से हटा तो दिया था हालांकि उनको उपहार में बाजारखाला थाने की महत्वपूर्ण चौकी का प्रभार सौंप दिया था।