RANCHI : खून की कमी शरीर में हो, तो मुसीबत और अगर यही कमी ब्लड बैंक्स में हो जाए तो और बड़ी मुसीबत हो जाती है। सिटी में खून की किल्लत ने ब्लड के अवैध कारोबार को बढ़ावा दिया है। इसका खुलासा शुक्रवार को तब हुआ, जब शहर के दो ब्लड बैंक पर ड्रग इंस्पेक्टर उत्कल मणि ने छापा मारा। दोनों ब्लड बैंक्स में अवैध रूप से खून का कारोबार चल रहा था। इस मामले में कांके के ब्लॉक चौक स्थित जनरल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड और बरियातू स्थित झारखंड ब्लड बैंक के निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है।

बिना जांच के ही चढ़ा रहे थे खून

जब कांके जनरल हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पर छापा पड़ा, तो अधिकारियों ने पाया कि वहां के निदेशक डॉ शंभू प्रसाद सिंह व उनके सहयोगी अवैध रूप से ब्लड कलेक्शन व डोनेशन करवा रहे थे। इतना ही नहीं, खून की जांच किये बिना ही एक मरीज सुशील मिंज (नाम परिवर्तित)को खून चढ़ाया जा रहा था। यह ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट -1940 के तहत अपराध है। कांके में अनियमितता मिलने पर जांच टीम ने बरियातू स्थित झारखंड ब्लड बैंक बरियातू में भी छापा मारा। वहां बिना लाइसेंस के ही खून का अवैध कारोबार चल रहा था।

हमेशा रहती है रेयर ग्रुप की किल्लत

रांची में रेयर ब्लड ग्रुप की किल्लत हमेशा बनी रहती है। इनमें नेगेटिव कैटगरी के ब्लड शामिल हैं। 'ए नेगेटिव', 'बी नेगेटिव', 'एबी नेगेटिव' और 'ओ नेगेटिव' जैसे खून काफी कम ही ब्लड बैंक्स में उपलब्ध रहते हैं। रांची के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स में भी नेगेटिव ग्रुप के ब्लड की किल्लत बनी रहती है। डेढ़ महीने पहले तो स्थिति यह हो गयी थी कि 'ओ पॉजिटिव' और 'बी पॉजिटिव' जैसे हमेशा उपलब्ध रहनेवाले खून की भी कमी हो गयी थी। पिछले एक पखवारे से कई संस्थाओं के प्रयास से ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किये गये, तब जाकर खून की किल्लत में कमी आयी। रिम्स में भी एक सप्ताह के भीतर तीन दिनों तक लगातार कैंप लगाकर खून की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गई।

कहीं खून नहीं, तो अवैध डोनेशन

मरीजों के परिजनों को जब कहीं खून नहीं मिलता, तो वे खून बेचने वाले पेशेवर नशेडि़यों से संपर्क करते हैं। बरियातू रोड में इन नशेडि़यों का अड्डा रहता है। ये सिर्फ 200 में एक यूनिट ब्लड डोनेट कर देते हैं। सरकारी ब्लड बैंक्स के अलावा कुछ रेप्यूटेड ब्लड बैंक्स में ऐसे लोगों से खून नहीं लिया जाता। तब अवैध रूप से संचालित ब्लड बैंक्स में पैसों के बल पर खून डोनेट कराया जाता है और वहीं मरीजों को मामूली तरह के जांच के बाद ब्लड चढ़ा दिया जाता है।

एक नर्स के सहारे ब्लड बैंक

रांची में कुछ ऐसे ब्लड बैंक भी चल रहे हैं, जिन पर ड्रग कंट्रोलर और पूरे स्वास्थ्य महकमे की नजर है। खबर है कि बरियातू रोड में ही एक निजी ब्लड बैंक सिर्फ एक नर्स के सहारे चल रहा है। यहां सिर्फ ब्लड ग्रुप जांच कर खून चढ़ाने का खेल चल रहा है। आम तौर पर डोनेट करने पर जांच के लिए 1100 रुपए चार्ज लेकर खून दिया जाता है। लेकिन, कुछ ब्लड बैंक्स में 2000 से लेकर 2500 रुपए तक वसूले जाते हैं और तब बिना डोनेशन के ब्लड भी दे दिया जाता है।

रांची के ब्लड बैंक

1. रिम्स ब्लड बैंक

2. बिरसा ब्लड बैंक

3. आर्ची ब्लड बैंक

4. इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी

5. गुरुनानक ब्लड बैंक

6. सेवा सदन ब्लड बैंक

7. एसडीए मिशन

8. देवकमल हॉस्पिटल

9. वॉलेंटरी ब्लड बैंक

10. सीसीएल अस्पताल