- पॉवर कारपोरेशन ने लंका को बनाया है नोडल थाना, यहां दर्ज होते हैं बिजली चोरी के सभी मामले

- शासन का फरमान बना कर्मचारियों के लिए जी का जंजाल, शहर एक छोर से दूसरे छोर की लगानी पड़ रही दौड़

VARANASI

पकड़ो बिजली चोर, चलो लंका की ओर शीर्षक रामायण की लंका पर आधारित नहीं है। बल्कि ये बिजली चोरी पकड़ने के बाद कार्रवाई की बात चल रही है। बिजली विभाग के आदेश ने अपने ही विभाग के कर्मियों को परेशानी में डाल दिया है। शहर के किसी भी मोहल्ले में चोरी पकड़ने के बाद मुकदमा दर्ज कराने के लिए उन्हें लंका थाना जाना पड़ रहा है। शासन के निर्देश पर विभाग ने मामलों के निस्तारण के लिए सबसे नजदीक लंका को नोडल थाना बनाया है। शहर का व्यस्त एरिया होने और बीएचयू पास में होने से लंका थाने पर ऐसे ही ज्यादा मामले पहुंचते हैं वहीं शासन के इस आदेश ने वहां के पुलिसकर्मियों पर काम का दबाव बढ़ा दिया है।

चक्कर लगाने में ही गुजर रहा दिन

नई व्यवस्था के तहत पॉवर कारपोरेशन के कर्मचारियों के पास अगर मुख्यालय से ख्ख् किलोमीटर दूर बिजली चोरी के मामले आते हैं तो नोडल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए इतनी दूरी तय करनी पड़ रही है। इस काम में उनका पूरा दिन ही गुजर जा रहा है। इसकी शिकायत उन्होंने उच्चाधिकारियों से की है। कुछ ऐसी ही समस्या लंका थाने में भी फेस की जा रही है। दरअसल, पहले से काम का बोझ ऊपर से बिजली विभाग से जुड़े हर दिन ख्ख् से ख्भ् मुकदमे पुलिस कर्मचारियों की कार्य शैली को प्रभावित कर रहे हैं।

रास नहीं आ रहा फरमान

बिजली चोरी की रोकथाम के लिए शासन की ओर से जनपद में अलग से एक बिजली थाना प्रस्तावित है। फिलहाल, बिजली थाना बनने तक प्रमुख सचिव ने जनपद मुख्यालय से सटे थानों को बिजली विभाग का नोडल थाना बनाने का निर्देश दिया था। तत्काल प्रभाव से आदेश को क्भ् नवंबर से ही लागू कर दिया गया। लेकिन इसका अनुपालन कराने में दोनों ही विभाग को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि आदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए एक एण्टी थेप्ट यूनिट का गठन करने की भी बात कहीं गयी है। जो चोरी से जुड़े मुकदमों की विवेचना और पैरवी भी करेगी।

वर्जन

बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई करने में काफी आसानी होगी। खास बात यह है कि नोडल थाने में कर्मचारियों को पूरा सहयोग भी मिलेगा।

- एके श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर पॉवर कारपोरेशन वाराणसी

लंका को नोडल थाना बनाने में कुछ अड़चनें आ रही हैं। फिलहाल उच्चाधिकारियों को इससे अवगत कराया जा चुका है।

- दिनेश सिंह, एसपी सिटी वाराणसी