- थानेदार नहीं कर रहे एफआईआर

- दो पीडि़त पहुंचे एसएसपी कार्यालय

- नहीं मिलने से लौटे निराश

आगरा। डीजीपी का फरमान जिले के थानेदारों पर लागू नहीं होता है। वे न सिर्फ एफआईआर करने से इंकार कर रहे हैं, बल्कि थाना व चौकी से पीडि़त को भगा दे रहे हैं। लोग एफआईआर को लेकर आईजी से लेकर एसएसपी तक अपनी फरियाद लेकर पहुंच रहे हैं। लेकिन उनकी अब तक एफआईआर लिखी नहीं जा सकी है।

डीजीपी के आदेशों की भी नहीं परवाह

डीजीपी सुलखान सिंह ने एफआईआर दर्ज करने को लेकर सभी थानेदारों को फिर से निर्देश दिए हैं। उन्होंने सख्त लहजे में आदेश दिया है कि थाना पहुंचने वाले हर पीडि़त की एफआईआर हर स्थिति में लिखी जाए। डीजीपी ने इसकी समीक्षा हर महीने करने की भी बात कही है। ये आदेश एडीजी, आईजी और एसएसपी तक पहुंच चुके हैं, लेकिन आगरा के थानेदारों में ये फरमान लागू नहीं होता है। ऐसे ही दो मामले शुक्रवार को सामने आए। दोनों की एफआईआर थाने में दर्ज नहीं की जा रही है। वे एसएसपी से गुहार लगाने पहुंचे थे, लेकिन कार्यालय में एसएसपी नहीं मिलने से मायूस होकर लौट गए।

पूर्व सुबेदार मेजर लगा रहे चक्कर

युमना ब्रिज कटरा वजीर खां निवासी सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर एमएल उपाध्याय शुक्रवार दोपहर को एसएसपी कार्यालय अपनी फरियाद लेकर पहुंचे। कंपकंपाते हाथ-पैर से सीढ़ी चढ़े, तभी मालूम हुआ कि एसएसपी कार्यालय में नहीं है। इसके बाद वे निराश होकर लौट गए। उन्होंने बताया कि पीएम, सीएम, गृह मंत्रालय तक पत्र लिख चुका हूं। लेकिन थाने में एफआईआर तक लिखी नहीं जा रही है।

महिला को तोड़ा हाथ

एसएसपी के पास एफआईआर की फरियाद लगाने पहुंची महिला को भी निराशा मिली। चौकी किरावली गांव नगला हट्टी रेखा पति भगवान सिंह ने बताया कि 22 जून को पड़ोसी ने अचानक हमला करके बुरी तरह पीटा। रेखा का हाथ फै्रक्चर हो गया। पीडि़त रेखा चौकी किरावली रिपोर्ट लिखाने पहुंची। उसे चौकी से भगा दिया गया। मेडिकल भी नहीं कराया गया। 24 घंटे तक दर्द से तड़पती महिला एसएसपी की चौखट पहुंची, लेकिन उनके नहीं मिलने पर मायूसी मिली।