GORAKHPUR: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद व्यापारियों को मिली छूट अब धीरे-धीरे खत्म होने लगी है। व्यापारियों की मानमानी पर अब शिकंजा भीकसने लगा है। सरकार अब किसी भी तरह से शातिरों को बख्शने के मूड में नहीं है। यही वजह है कि ई-वे बिल-ख् लागू होने के बाद से ही विभगीय सख्ती और बढ़ गई है। अब ई-बिल न रखना और रिटर्न दाखिल न करना व्यापारियों के लिए आफत का सबब बन सकता है। इसके लिए मुख्य वाणिज्य सचिव ने सभीकॉमर्शियल टैक्स के जि6मेदारों को सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ किया है कि अगर कोई ई-वे बिल का इस्तेमाल कर प्रांत के बाहर से माल ला रहा है और उसने रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो फिजिकली उसकी जांच कराई जाए। फर्जी पाए जाने पर उसके और फर्म के खिलाफ एफआईआर भीदर्ज कराई जाए।

 

लेट फीस और पेनाल्टी अलग

ऐसा नहीं है कि सिर्फ जांच से ही व्यापारियों को राहत मिल जाएगी। बल्कि अगर वह गड़बड़झाला कर रहे हैं, या टाइमली रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं, तो ऐसे लोगों से लेट फीस के साथ रिटर्न तो दाखिल कराया ही जाएगा। साथ ही उनके खिलाफ प्रोटेक्िटव असेस्मेंट के साथ पेनाल्टी वसूलने की कार्रवाई भीकी जाएगी। इसमें पुराने व्यापारी जो जीएसटी में माइग्रेट हुए हैं, लेकिन उन्होंने अपना रिटर्न नहीं दाखिल किया है, ऐसे लोगों को भीनिशाने पर रख गया है। ऐसे लोगों के खिलाफ भीएक्शन के निर्देश दिए गए हैं। यह सुविधा अभीऑनलाइन नहीं है, इसलिए उन्हें हार्डकॉपी में नोटिस इशु करने की हिदायत दी गई है.

 

नए व्यापारियों पर तिरछी नजर

जीएसटी के दायरे में कौन व्यापारी हैं, इसकी निगरानी की जा रही है। इसमें विभग की तिरछी नजर उन व्यापारियों पर है, जिन्होंने हाल में ही रजिस्ट्रेशन कराया है। ऐसे व्यापारियों की 100 फीसदी जांच के निर्देश दिए गए हैं। वहीं जो डीलर अब तक माइग्रेट नहीं हुए हैं, उनका भीफिजिकल वेरिफिकेशन किया जाएगा। अगर वह व्यापार कर रहे हैं, तो उनसे असेस्मेंट और पेनाल्टी वसूल की जाएगी। वहीं अगर उन्होंने अपना व्यापार बंद कर दिया है, तो उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया जाएगा.

 

पकड़े जाने के बाद बिल बेमायने

जीएसटी नॉन फाइलर्स पर विभग काफी सख्ती के मूड में है। क्6 दिसंबर से ई-वे बिल ख् लागू हो गया है। इसमें एनफोर्समेंट के काम में किसी तरह की ढिलाई न करने के लिए जि6मेदारों को निर्देशित किया गया है। जि6मेदारों की मानें तो अब जांच और तेज होगी। जो लोग ई-वे बिल नहीं लेकर चल रहे हैं अगर चेकिंग के दौरान वह उसे नहीं दिख सके, तो उन्हें बाद में बिल दिखने का मौका नहीं मिलेगा। पकड़े जाने के बाद पेश किया जाने वाला बिल मान्य नहीं होगा। वहीं, सील्ड लिफाफों में बिल लेकर चलने वालों की भीजांच होगी। साथ ही सामान को खरीदने और बेचने वालों की जांच की जाएगी।

 

वर्जन

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपर मुख्य सचिव और कमिश्नर कॉमर्शियल टैक्स ने एनफोर्समेंट में सख्ती के निर्देश दिए हैं। जो रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं और जांच में पकड़े गए, ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई तय है।

- विजय कुमार, एडिशनल कमिश्नर, कॉमर्शियल टैक्स

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