आगरा। थाना हरीपर्वत क्षेत्र के खटीकपाड़ा में मंगलवार को कबाड़ की दुकानों में आग लग गई। चिनगारी ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। डेढ़ दर्जन दुकानों में आग फैल गई। आसमान में धुएं से काली कादर छा गई। दमकल के देरी से पहुंचने पर लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। हंगामा कर दिया। आधा दर्जन दमकल ने तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग से करीब लाखों का नुकसान बताया गया है।

चिनगारी में बदली लपटें

खटीकपाड़ा में विक्टोरिया कॉलेज के बराबर में खाली मैदान है। इसमें एक दर्जन व्यापारियों ने अपना कबाड़ समेत अन्य सामान रखा हुआ है। मैदान से लगी सड़क पर दर्जनों दुकान हैं। दोपहर बारह बजे फूल सिंह के कबाड़ के गोदाम में चिनगारी से आग लग गई। लपटों ने देखते ही देखते पूरे मैदान में लगे कबाड़ को अपनी चपेट में ले लिया। बस्ती के लोगों ने आग काबू करने का प्रयास किया, लेकिन तब तक लपटें विकराल रूप ले चुकी थीं। उनके दुकानों तक पहुंचने की आशंका से व्यापारियों में अफरा-तफरी फैल गई।

पौन घंटे देरी से पहुंची दमकल

लोगों का कहना था कि फायर ब्रिगेड सूचना देने के पौन घंटे बाद मौके पर पहुंची। इस दौरान बस्ती के लोग अपने स्तर से आग को काबू करने की कोशिश में जुटे रहे। उधर, कबाड़ में लगी आग से आकाश पर धुएं की काली चादर छा गई। फायर ब्रिगेड की चार गाडि़यों ने आग को एक घंटे के प्रयास के बाद काबू किया। तब तक देवी की झोपड़ी एवं व्यापारी फूल सिंह, कपिल, लक्ष्मण, राजकुमार, मनीष, शशी, बाबूलाल, केहरी आदि का कबाड़ खाक हो चुका था।

रेलवे की जमीन पर सजी हैं दुकानें

सूत्रों की मानें तो जहां कबाड़ की दु़कानें और गोदाम बने हुए हैं, वो जमीन रेलवे की है। बताया जाता है कि एक रेलवे का इंजीनियर इसके एवज में सुविधा शुल्क भी वसूलता है। वहीं, दूसरी ओर जहां दुकानें और गोदाम बने हुए हैं, उसके चारों ओर रिहायशी क्षेत्र है। आग लगने से पूरे इलाके में काला धुआं भर गया।

आधा दर्जन गाडि़यों ने तीन घंटे में पाया काबू

आधा दर्जन फायर बिग्रेड की गाडि़यों ने तीन घंटे की मशक्कत के बाद काबू पाया। इस बारे में संजय प्लेस के एफएसओ अजय कुमार ने बताया कि अभी नुकसान का आंकलन नहीं हो सका है। कबाड़े की डेढ़ दर्जन दुकानों में शॉर्ट-सर्किट के चलते आग लगने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इस दौरान मौके पर सीएफओ अक्षय कुमार, एफएसओ ईदगाह वीपी त्रिपाठी, एफएसओ ताजनगरी राकेश चौरसिया समेत पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।