- बेटा खो जाने के गम में आग में कूदने को तैयार थी मां

- बस्ती के कई मासूम भगदड़ में परिवार से बिछड़ गए

LUCKNOW: बालू अड्डे के पास झुग्गी झोंपड़ी में लगी भीषण आग से अफरा-तफरी मची थी। चीख-पुकार, फायर ब्रिगेड के सायरन के बीच कुछ आंखें आग के उस दरिया में अपनी औलादों को तलाश रही थीं। इन्हीं में से एक थी बांग्लादेश से आई मोमिना। जब बस्ती में आग लगने की खबर से भगदड़ मची तो मोमिना अपने बेटे मोकबिल को रोटी खिला रही थ। बाहर का शोर सुन मोमिना भी बाहर दौड़ी और पीछे-पीछे उसका बेटा भी। लेकिन, भागदौड़ में बेटा मां से बिछड़ गया।

किसी की बेटी बिछड़ी, किसी का बेटा

बेटा बिछड़ने पर मोमिना के गम का कोई ठिकाना नहीं रहा। वह कई बार बेटे के लिए आग में कूदने पर आमादा थी, लेकिन बस्ती वालों ने उसे पकड़ लिया। औलाद की तलाश कर रही मोमिना अकेली नहीं थी। यहां कई ऐसे थे जिनकी बेटी या बेटा भगदड़ में बिछड़ गया। अपनी गृहस्थी राख होने से बचाने की कोशिश कर रहे फरान अली की बेटी भी गायब हो गई। जिसकी तलाश में पूरा परिवार कभी जले हुए छप्पर उठा रहा था तो कभी कूड़े से भरी बोरियों के पीछे बेटी को तलाश कर रहा था।

आशियाने के लिए दांव पर लगा दी जान

भीषण आग को बुझाने में फायर ब्रिगेड की आधा दर्जन गाडि़यां लगी हुई थीं। बस्ती में पीछे की तरफ फायर ब्रिगेड नहीं पहुंच पा रही थी। जतन से सहेजी गृहस्थी जब राख होने लगी तो मजदूरों ने उसे बचाने के लिए जान दांव पर लगा दी। कोई बाल्टी लेकर भागा तो कोई डिब्बे से पानी डाल रहा था। लेकिन, ज्यादातर लोगों के घर इस आग में राख हो गए और डबडबाई आंखों से लोग देखते रहे।