-पनकी साइड नम्बर 3 में है फैक्ट्री, चूल्हे की राख की चिंगारी से लगी आग

-फायर बिग्रेड की एक दर्जन से ज्यादा गाडि़यां मौके पर पहुंची

KANPUR :

पनकी में बुधवार को रबर फैक्ट्री में आग से हड़कम्प मच गया। कुछ ही देर में आग की लपटें वेस्टेज रबड़ और केमिकल के ड्रमों तक पहुंच गई। जिससे तेज धमाका होने से आग और विकराल हो गई। जिसे देख कर्मचारियों ने पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाए। सूचना पर फायर बिग्रेड की एक दर्जन से ज्यादा गाडि़यां मौके पर पहुंच गई। फायर टीम ने घंटों मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

फैक्ट्री में बनती है रबड़ की चादर

शास्त्रीनगर में रहने वाले संतोष लालवानी की पनकी साइड नम्बर फ् में रबड़ की फैक्ट्री है। यहां पर देसी कम्पनियों की चप्पल की कतरनों को जमाकर मोटी चादर तैयार की जाती है। जिसे दूसरी फैक्ट्रियों में सप्लाई किया जाता है। बुधवार को रोज की तरह कर्मचारी फैक्ट्री में काम कर रहे थे कि वेस्टेज रबड़ में आग लग गई। कुछ ही देर में आग की लपटें गोदाम तक पहुंच गई। वहां पर केमिकल के ड्रम के चपेट में आने से जोरदार धमाका हुआ और आग विकराल हो गई। जिसे देख कर्मचारियों के होश उड़ गए। वे जान बचाने के लिए फैक्ट्री से बाहर निकल आए। सूचना पर फायर बिग्रेड की एक दर्जन से ज्यादा गाडि़यों समेत टीम मौके पर पहुंच गई। फायर टीम घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू कर पाई।

चूल्हे की चिंगारी से लगी आग

रबड़ फैक्ट्री के बगल में दाल मिल है। कर्मचारियों के मुताबिक दाल मिल में कुछ कर्मी वहीं पर रहते है। वे चूल्हे में खाना बनाते है। उन्होंने चूल्हे की राख वेस्टेज रबड़ में फेक दी। राख की चिंगारी से वेस्टेज रबड़ में आग लग गई। हालांकि इसकी अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है। फायर ऑफिसर के मुताबिक अभी पड़ताल चल रही है। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।

तो गोदाम में पहुंच गई लपटें

रबड़ फैक्ट्री में आग बुझाने में फायर जवानों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। उन्होंने फायर बिग्रेड की गाडि़यों से फैक्ट्री के बाहर आग को बुझा दिया, लेकिन तभी पता चला कि गोदाम में आग लग गई है। वे गोदाम की तरह पहुंचे तो वहां आग की लपटों की चपेट में केमिकल के ड्रम आ चुके थे। जिसे देख जवानों की टीम में बंटकर आग को बुझाया।

नहीं थे आग बुझाने के उपकरण

रबड़ फैक्ट्री में आग बुझाने के उपकरण नहीं थे। जिसकी वजह से आग पर काबू नहीं पाया जा सका। अगर फैक्ट्री में उपकरण होते तो शुरुआत में आग पर काबू पा लिया जाता। फैक्ट्री मालिक संतोष इस बारे में कुछ नहीं बोले, उन्होंने कहा कि लाखों का नुकसान हुआ है।