- महिला प्रधान के बेटे और पूर्व प्रधान के बेटे में हुआ टकराव

- छवि धूमिल करने का आरोप लगाकर दूसरा पक्ष भिड़ा, बवाल

- फूल मण्डी में फायरिंग से भगदड़ मची, एसपी मौके पर पहुंचे

KANPUR: शासन से अभी ग्राम पंचायत चुनाव की डेट घोषित भी नहीं हुई है, लेकिन चुनावी रंजिश में खून बहना शुरू हो गया है। मंगलवार को चुनावी रंजिश में महाराजपुर फूल मण्डी में प्रधान के बेटे और पूर्व प्रधान का टकराव हो गया। कुछ ही देर में दोनों के समर्थकों ने असलहों का प्रदर्शन कर फायरिंग शुरू कर दी। जिससे वहां पर अफरा तफरी मच गई। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन उससे पहले आरोपी समर्थकों समेत वहां से निकल गए। पुलिस ने पहले तो दोनों पक्षों में समझौता कराने की कोशिश की, लेकिन आला अधिकारियों के संज्ञान में मामला आने पर अब पुलिस ने कार्रवाई की तैयारी की है।

वर्चस्व की लड़ाई

महाराजपुर के विफौसी नजबगढ़ में रहने वाले विनोद सिंह की पत्नी सुशीला देवी वर्तमान में प्रधान हैं। ग्रामीणों के मुताबिक, अगर इस बार भी सामान्य सीट रही तो वो दोबारा चुनाव लड़ेगी। उनके सामने पूर्व प्रधान फूल सिंह यादव मैदान में आ सकते हैं। दोनों के समर्थक भी तैयारी में जुट गए हैं। दोनों संभावित प्रत्याशियों और उनके समर्थकों में तनातनी शुरू हो गई है। मंगलवार को प्रधान सुशीला का बेटा अखिलेश फूल मण्डी गया था। जहां पर पूर्व प्रधान का बेटा भी पहुंचा था।

असलहे लेकर पहुंचे समर्थक

आरोप है कि मण्डी में अखिलेश ग्रामीणों को यह कहकर फर्जी रिकॉर्डिग सुना रहा था कि इसमें फूल चंद्र और एक महिला की अश्लील बातचीत है। जिसका पता चलने पर फूल चंद्र का बेटा भड़क गया। उसकी अखिलेश से कहासुनी हो गई। इसी बीच अखिलेश के समर्थक वहां आ गए और उन लोगों ने फूल सिंह के बेटे और उनके समर्थकों को पीट दिया। कुछ ही देर में खबर गांव में फैल गई। दोनों के दर्जनों समर्थक असलहे लेकर मौके पर पहुंच गए और फायरिंग शुरू कर दी। जिससे वहां भगदड़ मच गई। किसान जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। अखिलेश का गांव पास होने से उनके और समर्थक मौके पर पहुंच गए। जिसे देख फूल चंद्र के बेटे को बैकफुट में आना पड़ा और वे समर्थकों समेत निकल गए। कुछ देर में अखिलेश भी साथियों समेत वहां चला गया। इसके बाद पुलिस वहां पहुंची।

बैकफुट पर पुलिस

बताया जा रहा है कि दोनों पक्ष सपा समर्थक हैं। दोनों के झगड़ा का पता चलते ही उनके पैरोकार सक्रिय हो गए। पुलिस भी सत्ता पक्ष की पार्टी का मसला देख बैकफुट पर आ गई। पुलिस पैरोकारों की मदद से उनके बीच सुलह कराने में जुट गई, लेकिन आला अधिकारियों के संज्ञान में मामला आने से पुलिस को सक्रिय होना पड़ा। एसपी ग्रामीण सुरेंद्र तिवारी ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि अभी किसी पक्ष ने तहरीर नहीं दी है।