-डर से बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोई नहीं डाल रहा टेंडर

- अ5ाी 5ाी पुष्पा सेल्स कंपनी के 5ारोसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज

- 11 अगस्त की रात ऑ1सीजन सप्लाई रोक दिए जाने से हो गई थी 40 मासूमों की मौत

- इस मामले में प्रिंसिपल के साथ ही सात लोगों के 2िालाफ दा2िाल की गई है चार्जशीट

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GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 11-12 अगस्त को हुई ऑ1सीजन त्रासदी के जि6मेदारों के 2िालाफ कार्रवाई चल रही है। मगर इन मासूमों की जान के लिए जि6मेदारों से मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन की यारी 2ात्म नहीं हो रही है। जिस ऑ1सीजन सप्लाई की वजह से मासूमों ने दम तोड़ दिया और जिसके लिए कंपनी का मालिक सला2ाों के पीछे पहुंच चुका है, उस जि6मेदारों पर अब 5ाी मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन की दया दृष्टि बनी हुई है। हालत यह है कि जिसके मालिक के 2िालाफ डीजीएमई ने बच्चों की मौत का जि6मेदार बताते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई थी, अब 5ाी उसी पुष्पा सेल्स कंपनी से मेडिकल ऑ1सीजन की सप्लाई ली जा रही है।

40 बच्चों की हो गई थी मौत

गोर2ापुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 11 अगस्त की रात में ऑ1सीजन सप्लाई अचानक ठप हो जाने की वजह से 40 बच्चों की मौत हो गई। जि6मेदारों उस दौरान 5ाी यह मानने को तैयार नहीं थे कि मौत की वजह ऑ1सीजन की कमी है। लेकिन बाद में डीजीएमई ने एफआईआर की लिस्ट में पुष्पा सेल्स कंपनी के मालिक मनीष 5ांडारी का नाम 5ाी शामिल किया और उनके 2िालाफ एफआईआर दर्ज कराई। इस मामले में उसकी गिर3तारी 5ाी हो चुकी है। बावजूद इसके बीआरडी मेडिकल कॉलेज के जि6मेदारों ने न तो उसका टेंडर निरस्त किया और न ही अब तक उसकी फर्म से ऑ1सीजन की सप्लाई लेना ही बंद किया है।

5 अगस्त को हो गया था पेमेंट

मौत के बाद गोर2ापुर पहुंचे चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया था कि ऑ1सीजन के 2ात्म होने के मामले में मु2य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की गई है। उन्होंने बताया कि डीलर का कुछ पेमेंट बाकी था। एक अगस्त को प्रिंसिपल ने इस मामले की जानकारी शासन को दी। पांच अगस्त को शासन की ओर से बीआरडी मेडिकल कॉलेज को फंड अलॉट कर दिया गया। मगर प्रिंसिपल का कहना था कि सात अगस्त को कॉलेज को फंड मिला। मगर डीलर का कहना है कि उन्हें 11 अगस्त तक कोई पैसा नहीं मिला, जिसकी वजह से उसने ऑ1सीजन की सप्लाई रोक दी।

टेंडर निकालने की कर रहे हैं बात

इस मामले में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के जि6मेदार 5ाी फर्म को लेकर ज्यादा सीरियस नहीं है। जि6मेदारों का कहना है कि पुष्पा सेल्स से आठ साल का एग्रीमेंट किया गया था, जिसकी वजह से इससे ही सप्लाई ली जा रही है। वहीं दूसरी फर्म से सप्लाई लेने के लिए टेंडर निकालने की बात 5ाी जि6मेदार कर रहे हैं, लेकिन हकीकत पर नजर डालें तो बीआरडी मेडिकल कॉलेज की वेबसाइट पर कहीं पर 5ाी टेंडर का लिंक मौजूद नहीं है, जिससे इस बात की किसी को जानकारी हो सके कि मेडिकल कॉलेज में लि1िवड ऑ1सीजन की सप्लाई का टेंडर निकाला गया है।

एक 5ाी आवेदक नहीं

जि6मेदारों की मानें तो बीआरडी मेडिकल कॉलेज में नवंबर की लास्ट वीक में टेंडर निकाला गया था। मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से ई टेंडर के लिए एक कमेटी का गठन किया गया। जिसमें ई टेंडरिंग की प्रक्रिया अपना‌ई्र गई। इसकी ओपनिंग की डेट आठ दिसंबर तय की गई थी, लेकिन ने 5ाी ऑ1सीजन की सप्लाई में इंटरेस्ट नहीं दि2ाया। मगर बीआरडी की वेबसाइट पर किसी 5ाी टेंडर प्रॉसेस की डीटेल्स न होना कुछ और ही बयां कर रहा है। सूत्रों की मानें तो 2011 व 2012 में ऑ1सीजन का टेंडर पुराने रेट पर हुआ था। उसी रेट पर अ5ाी तक ऑ1सीजन की सप्लाई दी जा रही है। उस समय ऑनलाइन व्यवस्था नहीं थी, इसलिए कोई 5ाी प्रति5ागियों ने आवेदन नहीं किया है।

योगी दरबार में डॉ1टर कफील खान की मां

सीएम के जनता दरबार में रविवार को ऑ1सीजन कांड के आरोपी डॉ। कफील 2ान की मां फरियाद लेकर पहुंची। डॉ। कफील 2ान की मां ने सीएम योगी से मिलकर अपने बेटे को बेकसूर बताया। कहा कि गलती किसी कीए और सजा उनके बेटे को 5ाुगतनी पड़ रही है। उसे गलत तरीके से फंसाने की कोशिश की गई है। वो बच्चों को इलाज कर रहा था। मां ने सीएम से इंसाफ की गुहार लगाई है।

एक नजर में 12 अगस्त -

- 68,58,596 रुपए था फर्म का बकाया

- 100 बेड के इंसेफेलाइटिस वार्ड में 5ार्ती थे 73 मरीज

- 54 मरीज थे वेंटिलेटर पर

- 10 बच्चे इंसेफेलाइटिस और 10 नियोनेटल वार्ड में थे 5ार्ती

- 300 मरीजों को पाइप के जरिए दी जाती है सप्लाई

लि1िवड ऑ1सीजन की सप्लाई पुष्पा सेल्स कंपनी के नाम से हैं। ना कि किसी व्यक्ति के नाम। कंपनी से आठ साल का एग्रीमेंट हैं। इसलिए अ5ाी यहीं कंपनी सप्लाई कर रही है। ई टेंडर की प्रक्रिया शुरू है। दो दिन पहले टेंडर 2ाोला गया था, लेकिन किसी ने ऑनलाइन आवेदन नहीं किया है। अब दोबारा टेंडर 2ाोलवाया जाएगा।

डॉ। पीके सिंह, प्रिंसिपल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोर2ापुर