50 लाख कर्मचारियों को फायदा
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) रिटायरमेंट फंड के तहत 50 लाख अतिरिक्त श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए श्रम मंत्रालय ने अपने एक नियमों में बदलाव करने का निर्णय लिया है। एक कार्यकारी आदेश के माध्यम के तहत अब इपीएफओ के तहत 10 श्रमिक वाली संस्था को भी लाने का निर्णय लिया है। वर्तमान में भविष्य निधि और विविध प्रावधान सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की सदस्यता के लिए किसी भी संस्था के पास 20 या इससे अधिक श्रमिक होने चाहिए।

मई तक बदल जाएंगे नियम
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार श्रम मंत्रालय इसे घटाकर 10 करना चाहता है। श्रम मंत्रालय के इस कदम से औपचारिक क्षेत्र के 50 लाख अतिरिक्त श्रमिक इसके तहत आ जाएंगे जिससे उन्हें ईपीएफओ द्वारा चलाए जा रही सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिलेगा। अधिकारी ने यह भी कहा कि इपीएफ और एमपी अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन भी इसमें शामिल हैं। इस तरह के प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए संसद की मंजूरी जरुरी नहीं होती है। अप्रैल या मई से ये नियम बदले जा सकते हैं। इससे पहले भी सीबीडीटी की मंजूरी में, दूसरे श्रम आयोग और श्रम संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने भी ईपीएफ एंड एमपी अधिनियम, 1952 और देश के कुल कर्मचारियों की संख्या के तहत, कवरेज में होने वाले अंतर की सीमा को घटाने की सिफारिश की थी। ईपीएफओ के पास लगभग 5 करोड़ श्रमिकों का एक आधार है और प्रतिवर्ष इसमें 1 लाख करोड़ रुपये जमा होते हैं।

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