बिहार चुनाव में मर्यादा का खुलेआम उल्लं घन

बिहार चुनाव प्रचार में भाषा की मर्यादा लांघने वाले तीन नेताओं पर चुनाव आयोग ने शिकंजा कस दिया। आयोग ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज करवा दिया है। किशनगंज के एसपी ने ओवैसी की गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया है। तीनों नेताओं पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम एवं भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है।

अमित शाह ने कहा लालू को चारा चोर

अमित शाह के खिलाफ बेगूसराय में चुनावी सभा के दौरान लालू प्रसाद को चारा चोर कहने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है। इसी तरह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को नरभक्षी कहने पर राजद अध्यक्ष के खिलाफ पटना के सचिवालय और जमुई के सिकंदरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। वहीं अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ किशनगंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शैतान और दङ्क्षरदा कहने पर मुकदमा दर्ज हुआ है। गौरतलब है कि अब तक चुनाव आयोग के निर्देश पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर तीन मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं। इनमें वैशाली, पटना और जमुई में विवादास्पद भाषण के मामले शामिल हैं।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम व भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत मुकदमा

आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के दौरान भारतीय दंड संहिता के 153ए के तहत जो भी धर्म, मूलवंश, जन्म स्थान, निवास स्थान, भाषा, संप्रदाय आदि के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देगा या सौहार्द पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कार्य करेगा, वह तीन वर्ष तक कारावास या जुर्माना से दंडित किया जाएगा। आदर्श आचार संहिता में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत की धारा 125 के तहत कोई भी व्यक्ति निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान धर्म, वंश, जाति समुदाय या भाषा के जरिये भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा की भावनाओं को बढ़ावा देगा या प्रयास करेगा तो यह संज्ञेय अपराध का दोषी होगा। इसी मामले में ये तीनों नेता दोषी पाए गए हैं।

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