नंबर एक- इस ट्रेन में कुल 10 कोच हैं जिसमें 8 पैसेंजर और 2 मोटर हैं।
नंबर दो- इस ट्रेन में 8 कोच की छतों पर 16 सोलर पैनल लगे हैं। जो सूरज की रोशनी से 300 वॉट बिजली बनायेंगे और कोच में लगा बैटरी बैंक चार्ज होगा। इसी से ट्रेन की सभी लाइट, पंखे और इन्फॉर्मेशन सिस्टम चलेगा। हर कोच में 120 एंपीयर प्रति घंटा क्षमता की बैटरीज भी लगी हैं।
नंबर तीन- सभी यात्रियों को अंग्रेजी और हिंदी दोनों ही भाषाओं में आने वाले हर स्टेशन की सूचना और समय की जानकारी डिस्प्ले पर दी जाएगी।
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नंबर चार- ट्रेन में शौचालय, स्नान घर, पीने का शुद्ध जल आदि की सुविधा भी यात्रियों को मिलेगी।
नंबर पांच- हर कोच में आरामदायक सीट, सोलर संचालित एलईडी, ट्यूब, पंखे आदि लगे हैं।

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नंबर छह- ट्रेन कुल दस स्टेशनों पर रुकेगी जिनमें सराय रोहिल्ला, पटेल नगर, दिल्ली कैंट, पालम, साहाबाद, मोमम्मदपुर, बिजवासन, गुड़गांव, धनकोट, बसई, गढी हरसरू, सुल्तानपुर, कालियाबाद, फर्रुखनगर स्टेशन शामिल हैं।
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नंबर सात- ट्रेन फर्रुखनगर से सुबह 7 बजे चलेगी और 8.40 पर दिल्ली सरायरोहिला पहुंचेगी। इसके बाद 10.40 पर गढ़ी हरसरू स्टेशन पहुंचेगी। फिर 3.45 बजे फर्रुखनगर आएगी जहां से  4.15 बजे रवाना होकर 5.50 पर दिल्ली सराय रोहिला पहुंचेगी। फिर 6 बजे दोबारा सराय रोहिला से फर्रुखनगर के लिए चलेगी।
नंबर आठ- विश्व में पहली बार ऐसा हुआ है कि सोलर पैनलों का इस्तेमाल रेलवे में ग्रिड के रूप में किया गया है। हालाकि शिमला कालका टॉय ट्रेन सहित छोटी लाइन पर पहले से सौर ऊर्जा से युक्त ट्रेन चलाई जा रही हैं।
नंबर नौ- साथ ही बड़ी लाइन की कई ट्रेनों में भी एक या दो कोच में सोलर पैनल लगाए गए हैं।
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नंबर दस-
इसके अलावा राजस्थान में भी सोलर पैनल से युक्त लोकल ट्रेन का ट्रायल हो चुका लेकिन इनमें सौर ऊर्जा को संचित करने की सुविधा नहीं है।

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