-नक्सल प्रभावित इलाकों में इलेक्शन ड्यूटी के लिए जवानों को दी गई पुरानी थ्री नॉट थ्री राइफल

-फ‌र्स्ट फेज चुनाव के लिए रांची से 162 अधिकारी और 1216 पुलिसकर्मी पलामू के लिए रिलीज

-जवानों को प्रोवाइड कराई गई कई राइफलों का नहीं दबता ट्रिगर, जवानों में गुस्सा

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RANCHI (22 Nov): एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के लिए एसपीजी और सीआरपीएफ के जवानों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया गया था। वहीं ख्भ् नवंबर को होनेवाले घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र पलामू और गढ़वा में चुनाव के लिए जिन जवानों को रिलीज किया गया, उन्हें इंसास और एसएलआर की जगह थ्री नॉट थ्री की राइफलें प्रोवाइड कराई गई। इतना ही नहीं, इनमें से अधिकांश के ट्रिगर दब ही नहीं रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या राइफल दिखा कर जवान नक्सलियों को रोक लेंगे। उन्हें डरा कर भगा देंगे। इसे लेकर जवानों में काफी गुस्सा है। फ‌र्स्ट फेज के विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को रांची से क्म्ख् अधिकारियों व क्ख्क्म् जवानों को रिलीज किया गया।

जैप टू में टारगेट रिहर्सल

शनिवार को पुलिस लाइन से थ्री नॉट थ्री राइफलधारियों का जैप टू स्थित मैदान में टारगेट रिहर्सल कराया गया। इसमें जिन जवानों ने लक्ष्य को साधा, उन्हें राइफलें दी गयीं। इसके बाद जवानों को पुलिस लाइन में जब्त बसों व ट्रकों में लोड कर भेजा जा रहा है। रविवार सुबह तक सभी जवानों को अपने-अपने बूथ पर योगदान देना है।

जवानों में है गुस्सा

थ्री नॉट थ्री राइफल लेकर पलामू और गढ़वा जा रहे जवानों में गुस्सा साफ झलक रहा है। वे कह रहे हैं कि आखिर पुलिस अधिकारी हमें जान गंवाने के लिए क्यों भेज रहे हैं। जिन्हें टारगेट रिहर्सल कराया गया और जो राइफल उन्हें प्रोवाइड कराई गई है। उनमें से कई के ट्र्रिगर दबते ही नहीं है। ऐसे में यदि नक्सलियों व बूथ लुटेरों का सामना करना पड़ा, तो भगवान ही भला करे। सरकार को चाहिए कि उन जवानों को भी इंसास और एसएलआर प्रोवाइड कराये। इधर मेजर टीके झा ने बताया कि जिन-जिन जवानों को पलामू और गढ़वा में चुनाव कार्य के लिए भेजा गया है। उनमें से ओआर के जवानों को ही थ्री नॉट थ्री की राइफलें दी गई हैं। जो डीपीआर के जवान हैं, उन्हें इंसास और एसएलआर दिया गया है।