GORAKHPUR: डीडीयूजीयू के 34 वें दीक्षांत समारोह में जारी किए गए गोल्ड मेडलिस्ट के लिस्ट में दो स्टूडेंट्स ने सर्वोच्च अंक प्राप्त होने का दावा किया। इस मामले में यूनिवर्सिटी ने जब जांच कराई तो इन दावेदारों की बात सही साबित हुई। मगर मार्कशीट में गड़बड़ी होने की वजह से इनका नाम नहीं शामिल हो सका था। डाक्यूमेंट्स की जांच-पड़ताल के बाद एग्जामिनेशन कंट्रोलर ने गोल्ड मेडल लिस्ट में इनके नाम शामिल कर लिए हैं। वहीं तीन नए स्टूडेंट्स के नाम भी जोड़े गए हैं।

प्रिंस और साक्षी ने किए थे दावे

डीडीयूजीयू पॉलिटिकल साइंस से एमए फाइनल इयर स्टूडेंट प्रिंस कुमार दुबे और एमबीए फाइनल इयर गर्ल स्टूडेंट साक्षी गुप्ता ने सर्वोच्च अंक प्राप्त होने का दावा किया। प्रिंस का प्राप्तांक 681 है, वहीं साक्षी गुप्ता का प्राप्तांक 2487 है। इन दोनों स्टूडेंट्स के सर्वोच्च अंक प्राप्त होने के दावे को खंगाला गया, तो यह सही साबित हुए। परीक्षा नियंत्रक डॉ। अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि एमबीए की छात्रा के मार्कशीट आईएनसी के कारण रुकी हुई थी, वहीं पॉलिटिकल साइंस के स्टूडेंट का मॉर्कशीट में डब्लूआरजी लगा हुआ था। जिसके कारण इनके नाम सर्वोच्च अंक की लिस्ट में नहीं दर्ज हो सका था। आपत्ती आने के बाद इनके नाम दर्ज करा दिए गए हैं।

तीन नाम हुए सम्मिलित

डीडीयूजीयू परीक्षा नियंत्रक डॉ। अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले इन दोनों स्टूडेंट्स का चयन किया गया है। वहीं पीजी दृश्यकला वर्ष-2015 के सुधीर रावत, एलएलएम वर्ष -2012 के पीयूष कुमार पांडेय व एलएलएम वर्ष 2011 की श्वेता तिवारी के नाम को अलग से सम्मिलित किया गया है। उन्होंने बताया कि जिन स्टूडेंट्स को इस संबंध में कोई आपत्ति दर्ज करानी है तो वह अपने समस्त प्रमाण पत्रों के साथ 6 फरवरी को प्रभारी, अभिलेख कक्ष को अपनी आपत्ति लिखित रूप में दे सकते हैं। इसके बाद किसी भी प्रकार के आपत्ति पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। जिन नये स्टूडेंट्स के नाम सर्वोच्च अंकों की लिस्ट में शामिल किया गया है। वह अपने सभी डाक्यूमेंट्स की फोटोकॉपी और एक फोटो के साथ 6 फरवरी तक अभिलेख कक्ष में जमा कर दें।