- नई गाडि़यों पर केसरिया झंडे लगाने के लिए फोर व्हीलर एसेसरीज शॉप पर बढ़ने लगी भीड़

- नई गाडि़यों की भी बढ़ी सेल, रौब गांठने के लिए छोटे-मोटे नेता भी जुटे तैयारी में

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कभी सपा तो कभी बसपा और अब भाजपा। ये हाल उन लोगों को है जो सत्ता जिसकी हो उसके नाम से अपना भौकाल मेनटेन करने के लिए परेशान रहते हैं। किसी नेता के करीबी होने के चलते सत्ता जिसकी हो उसका झंडा और स्टीकर अपनी गाड़ी पर लगाकर रौब गांठने में जुटे रहते हैं। ऐसे ही लोगों की भीड़ इन दिनों शहर के कार एसेसरीज मार्केट में देखने को मिल रही है। सत्ता बदलने के बाद गाडि़यों के झंडे और स्टीकर बदलने की चाह में सुबह से शाम तक गाडि़यों की कतार कार एसेसीरिज शॉप्स पर जुटी रह रही हैं।

अब भगवा कार पर

कल तक सपा और साइकिल का स्टीकर और झंडा लगाकर चलने वाले लोग सरकार बदलते ही अपनी गाडि़यों पर भाजपा के झंडे लगाकर फर्राटे भरने लगे। वहीं कार बाजार में भी नई गाडि़यों की सेल बढ़ गई है। वजह नये विधायकों से लेकर उनके करीबी तक सब सत्ता की हनक दिखाने के लिए नई गाडि़यों को खरीद रहे हैं। नई गाडि़यों को भी खरीदने के बाद इसमें नंबर तो बाद में पड़ रहे हैं लेकिन पहले विधायक लिखवाने या भाजपा का झंडा लगाने के लिए गाड़ी पहले कार बाजार में पहुंच रही है।

दुकानदारी भी तो चलानी है

दरअसल सत्ता के बदलने के साथ ही उन लोगों के आगे अपनी दुकानदारी बंद होने का डर सताने लगा है जो कल तक सपा के नाम पर कई काले कारोबार चला रहे थे। ऐसे लोग व्यक्तिगत काम या अपने कारोबार को संरक्षण और क्षेत्र में भौकाल बनाने के लिए सत्ता से जुड़े नेताओं से संपर्क बनाए रहते हैं। सरकार चाहे जिसकी हो बस इनका काम गाड़ी में झंडे और स्टीकर के बल पर हो जाता है। यही वजह है कि कल तक हरे लाल झंडे लगी गाडि़यों पर से ये झंडे अब उखड़ चुके हैं और इनकी जगह केसरिया झंडों ने ले ली है।