बल्लीवाला फ्लाईओवर पर हो रहे हादसों को लेकर दून पुलिस की कवायद

फ्लाईओवर पर फ्लैक्स, बोर्ड, कैट-आई लगाने को की बात

DEHRADUN: बल्लीवाला फ्लाईओवर पर हो रहे हादसों को रोकने के दून पुलिस ने नया प्लान तैयार किया है। दून पुलिस ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों को जहां फ्लाईओवर का निरीक्षण कर जरूरी कदम उठाने को कहा है, वहीं फ्लाईओवर पर फ्लैक्स, बोर्ड और कैट-आई लगाने को भी कहा है। बतादे कि बल्लीवाला फ्लाईओवर पर करीब ख्भ् हादसे हो चुके हैं।

लगातार हो रहे हादसे

बल्लीवाला फ्लाईओवर पर बार-बार हादसों को लेकर दून पुलिस चिंतित है। दून पुलिस ने हादसे रोकने के लिए एनएचआई के अधिकारियों से इस बाबत जरूरी कदम उठाने को कहा है। एसपी ट्रैफिक धीरेन्द्र गुंज्याल ने बताया कि बल्लीवाला फ्लाईओवर पर कई दुर्घटनाओं के मामले सामने आए हैं, जिनको लेकर एनएचआई के अधिकारियों से बात कर एक्सीडेंट को रोकने के लिए फ्लाईओवर पर फ्लैक्स लगाने और कैट-आई लगाने के लिए भी कहा गया है। एसपी ट्रैफिक धीरेन्द्र गुंज्याल ने कहा कि फ्लाईओवर पर जो बोर्ड अभी लगाए हैं उनमें जागरूकता और स्पीड को लेकर जागरूक करने की कोशिश की जा रही है। बावजूद इसके हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस लिए मोड़ पर फ्लैक्स, यू टर्न का शाइन, सोडियम लाइट्स, कैट-आई लगाने को कहा गया है। एसपी ट्रैफिक ने कहा कि एनएचआई की टीम को एक बार फ्लाईओवर का निरीक्षण कर कमियां देखने को भी कहा है।

फ्लाईओवर बना एक्सीडेंटल जोन

बल्लीवाला फ्लाईओवर पर हो रही दुर्घटनाओं से फ्लाईओवर ऐक्सीडेंटल जोन बनता जा रहा है। यहां आए दिन हादसे हो रहे हैं। फ्लाईओवर के पैराफिट से टकराकर यहां पर कई दुर्घटना हो चुकी है। जब से बल्लीवाला फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हुआ था, तभी से इस पर सवाल उठने शुरू हो गए थे। दरअसल जीएमएस रोड दोनों ओर से काफी चौड़ी है, जबकि फ्लाईओवर की चौड़ाई इसके हिसाब से काफी कम है। जब भी वाहन फ्लाईओवर में प्रवेश करते हैं तो इस दौरान वाहनों के आपस में टकराने की संभावना बढ़ जाती है। गौरतलब है कि गुरुवार देर रात बल्लीवाला फ्लाईओवर पर एक बाइक के बिजली के पोल से जा टकराने से बाइक सवार युवक की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दूसरे ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

हमने एनएच के अधिकारियों को फ्लाईओवर का निरीक्षण करने को कहा है। ये बात जाननी जरूरी है कि आखिर हादसे क्यों हो रहे हैं। अभी तक कुछ बोर्ड जागरूक करने के लिए लगाए जा चुके हैं, लेकिन ओर भी बोर्ड, फ्लैक्स, कैट-आई लगाई जा सकती है।

धीरेन्द्र गुंज्याल, एसपी ट्रैफिक