- शहर के कई एरियाज में चढ़ गया बाढ़ का पानी

- बेघर हुए लोगों के सामने खड़ी हुई खाने-पीने की समस्या

GORAKHPUR: बाढ़ का कहर बढ़ता ही जा रहा है। पानी शनिवार को शहर की सीमा में प्रवेश कर गया। शहर के मोहरीपुर, बरगदवां, फर्टिलाइजर और रामपुर नया गांव से लेकर राजेंद्रनगर पश्चिमी तक पानी फैल गया है। बाढ़ के खौफ से इन एरियाज के लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया है। हजारों लोग भी बाढ़ में फंसे हुए हैं। शनिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने बाढ़ एरिया में जाकर ग्राउंड रिपोर्टिग की। हर तरफ तबाही का नजारा दिखा।

नाकाफी हैं इंतजाम

बाढ़ पीडि़तों के लिए प्रशासन की ओर से किसी तरह के राहत के इंतजाम नहीं किए गए हैं। बाढ़ पीडि़तों को न तो खाना मिल रहा है और न ही पीने का पानी। इतना ही नहीं पीडि़तों के पास मवेशियों को खिलाने के लिए भी कुछ नहीं है। हालांकि स्थानीय लोगों और अन्य समाजसेवी संस्थाओं की ओर से कुछ राहत सामग्रियों को वितरण किया जा रहा है लेकिन प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। इससे लोगों को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है।

दो दिन से भूखे हैं कई बच्चे

बालापार से मानीराम एरिया में चारो ओर मचे बाढ़ के तबाही से लोगों ने सड़कों के किनारे और रेलवे स्टेशन को अपना आशियाना तो बना लिया है, लेकिन इन पीडि़तों के सामने अब खाने-पीने के लाले हैं। बाढ़ से ग्रसित होकर अपने पांच बच्चों के साथ मानीराम स्टेशन पर आई प्रभा देवी ने बताया कि दो दिन से उनके बच्चे भूखे हैं। धूप की वजह से किसी से प्लास्टिक मांगकर रहने का इंतजाम तो कर लिया है, लेकिन खाने-पीने को कुछ नहीं मिल रहा है। वहीं अपने पूरे परिवार के साथ स्टेशन पर दिन गुजार रही राजकुमारी ने बताया कि कुछ लोग राहत सामग्री बांटने आ भी रहे हैं तो उसपर लूट मच जा रही है। ऐसे में महिलाओं और बच्चे खाने के लिए तरह रहे हैं। स्टेशन पर रह रही गुड्डी ने बताया कि घर से निकलते समय मवेशियों के लिए थोड़ा चारा लेकर निकली थी, जो अब खत्म हो गया है। ऐसे में इंसान के साथ जानवर भी अब खाने बिना मरने की कगार पर हैं।

भूजा खाकर गुजार रहे दिन

कुछ लोग पलायन के समय अपने घरों से लेकर आए लाई और भूजा खाकर दिन गुजार रहे हैं। शनिवार को पूरे दिन किसी भी बाढ़ग्रस्त एरिया में प्रशासन की ओर से कोई राहत सामग्री की व्यवस्था नहीं की गई। इससे बाढ़ की तबाही के बाद लोग भूखो मरने की कगार पर आ गए हैं। इतना ही नहीं बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए भी प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। शनिवार को भी पूरे दिन मानीराम और बालापार एरिया के दर्जनों युवकों ने मिलकर सैकड़ों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

इलाहाबाद से मांगी गई 50 नावें

प्रशासन ने राहत कार्य के लिए इलाहाबाद से 50 नावें मांगी हैं। गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला ने वहां के डीएम को इसके लिए पत्र लिखा है। पीएसी के अलावा एनडीआरएफ की 15 नावें पहले से लगाई गई हैं। सेना ने भी स्वचालित नावों के साथ कमान संभाल ली है। बाढ़ की विभीषिका के कारण मैरुदंड गांवों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।