-बाढ़ के पानी से घिरे कई क्षेत्रों में पीडि़तों को अब तक नहीं मिली कोई मदद

-सामनेघाट, नगवा, सूजाबाद व वरुणापार इलाके में हालात बेकाबू

-बाढ़ प्रभावित सकरी गलियों में नावों के न पहुंचने से राहत सामग्री की बांट जोह रहे हैं लोग

VARANASI

सामनेघाट मानसनगर कॉलोनी से होते हुए एक सकरी सी गली में क्0 से क्भ् मकानों में रहने वाले लोग पिछले दस दिनों से बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं लेकिन इन्हें अब तक कोई मदद नहीं मिल सकी है। ऐसा इसलिए क्योंकि इमदाद को बढ़े तो कई हाथ हैं लेकिन इन तक अब तक कोई नहीं पहुंचा है। ये कोई अकेला इलाका नहीं है जहां हालात ऐसे हैं। कई अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भी फंसे लोग फरिश्ते के आने की बांट जोह रहे हैं।

हर आहट पर जगती है उम्मीद

गंगा और वरुणा में आई बाढ़ ने बनारस शहर की बड़ी आबादी को इफेक्टेड किया है। इसके बाद भी पीडि़तों की मदद व इनका सहारा बनने के लिए जिस तरह से लोग बड़ी संख्या में आगे आ रहे हैं उससे बाढ़ में फंसे लोगों को बड़ा सुकून मिल रहा है लेकिन एक सच ये भी है कि राहत अब भी बहुत से ऐसे लोगों तक नहीं पहुंची है जिसकी उन्हें जरूरत है। इसकी वजह है बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से मदद करने वाले लोगों का पूरी तरह से परिचित न होना। दरअसल बाढ़ पीडि़तों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए डेली सैकड़ों लोग बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंच रहे हैं। यहां जो मकान आगे हैं उन मकानों तक तो मदद पहुंच जा रही है लेकिन अंदर गलियों में रहने वाले लोगों को राहत सामग्री की अब भी आस है। ऐसे में चारों ओर पानी से घिरे इन घरों में फंसे लोगों को आहट होने पर यही लगता है कि कोई आया उनकी मदद को लेकिन जब नावें बाहर से ही निकल जाती हैं तो वे मायूस हो जाते हैं।

बहुत से हैं इलाके

-शहर में बाढ़ प्रभावित मुहल्लों की संख्या क्00 से ज्यादा है।

-इनमें कई मुहल्ले गंगा व वरुणा दोनों की बाढ़ से प्रभावित हैं।

- गंगा का पानी सामनेघाट की मानसनगर, बालाजीनगर, गायत्रीनगर, हरिशंकर नगर व सीर समेत दर्जनों कॉलोनियों में पहुंच चुका है।

- इन कॉलोनियों में मदद को डेली दर्जनों नावों से सैकड़ों लोग पहुंच रहे हैं।

- लेकिन यहां आगे के मकानों में ही राहत सामग्री देकर चले जा रहे हैं।

- जिसके कारण अंदर कॉलोनी में बसे लोग अब तक मदद की उम्मीद में हैं।

- वहीं वरुणा पार इलाके में भी दर्जनों इलाके अब तक राहत सामग्री से अछूते हैं।

- इनमें कोनिया, सरैया, नक्खीघाट, जैतपुरा, शैलपुत्री में बड़ी नावें नहीं पहुंच रही हैं।

- एनडीआरएफ की टीम कुछ जगहों पर जरूर पहुंची है।

मदद की बांट जोह रहे हैं लोग। बहुत से लोग आते हैं लेकिन कॉलोनी के अंदर तक नहीं आते हैं। बाहर से कुछ मकानों तक होकर ही चले जाते हैं।

संजय सिंह, नगवा

बाढ़ के पानी से घिरे ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जहां नावें नहीं पहुंच रही हैं। ऐसे प्लेस पर प्रशासन को अपने लेवल पर मदद पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए।

अमित द्विवेदी, सामनेघाट