देशभर के ग्राहकों को उठाना पड़ सकता है नुकसान  
उद्योग मंडल एसोचैम की फसल नुकसान के आंकलन के बाद जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ से कश्मीर में 1,000 करोड़ रुपये मूल्य के सेब की फसल बह गई है, जिसका किसानों पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है. रिपोर्ट के अनुसार देशभर में ग्राहकों को भी इसका खामियाजा भुगतान पड़ सकता है. सेब की फसल खराब होने से उपभोक्ताओं को आगामी त्योहारी सीजन और सर्दियों में सेब के लिए ऊंची कीमत चुकानी पड़ सकती है. बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिले. बारामुला, कुपवाड़ा और सोपोर, सेब के सबसे बड़े उत्पादक जिले हैं और इन जिलों में भारी नुकसान की खबर है.

राज्य के बागवानी उत्पादन में 86% योगदान सेब का
रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 2,000 करोड़ रुपये के कृषि उत्पादन में बागवानी उत्पादन का करीब 50 प्रतिशत योगदान है, जिसमें 30 लाख लोग लगे हैं. राज्य के बागवानी उत्पादन में मूल्य के हिसाब से 86 प्रतिशत योगदान सेब उत्पादन का है.

क्या कहना है एसोचैम का
एसोचैम महासचिव डी.एस. रावत ने कहा कि कश्मीर का सेब अपने स्वाद व रस के लिए विख्यात है, लेकिन उत्तर भारत के दूसरे राज्यों में उगाए जा रहे सेब का दाम कम होने की वजह से इसने कश्मीरी सेब का बाजार कुछ हद तक खराब किया है. एसोचैम ने कहा है कि सेब कश्मीर की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है और इसका सालाना कारोबार 1,200 करोड़ रुपये है. राज्य में सेब उत्पादन सालाना करीब 16 लाख टन पर पहुंच गया है. सेब के कारोबार में करीब 30 लाख लोग प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तरीके से जुड़े हुए हैं.

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