- मेरठ में बीडीएम कंपनी में बैट लेने आए मो। शमी ने की मीडिया से बातचीत

- कहा, व‌र्ल्ड कम से पहले ऑस्ट्रेलिया सीरीज पर रहेगा फोकस

Meerut : इंडियन क्रिकेट टीम की आगामी ऑस्ट्रेलियन सीरीज और ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड व‌र्ल्ड कप ख्0क्भ् के लिए सभी प्लेयर्स ने अपने तरीके से तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में इंडियन क्रिकेट टीम के फास्ट बॉलर मोहम्मद शमी भी कहां पीछे रहने वाले हैं। उनका मानना है कि व‌र्ल्ड कप से ऑस्ट्रेलिया के साथ वन टू वन सीरीज काफी अहम है। मेरा पूरा फोकस है। वहां फास्ट और बाउंसी विकेट को देखते हुए अपनी लेंथ पर काम कर रहा हूं। बीडीएम कंपनी में स्पो‌र्ट्स गुड्स लेने आए मोहम्मद शमी क्रिकेट औरा स्पो‌र्ट्स पर काफी बातचीत की आइए आपको भी बताते हैं उन्होंने क्या कहा

-हाल ही देखने को मिला है कि इंडियन टीम को बड़े शहरों के मुकाबले छोटे-छाटे कस्बों या शहरों से जेनुइन फास्ट बॉलर मिलें हैं। क्या कारण मानते हैं?

जितने भी छोटे शहरों से आए प्लेयर्स हैं वो कड़ी मेहनत करते हैं। उनका पूरा फोकस स्विंग पर होता है। फिर उसमें मैं हूं, भुवनेश्वर है या उमेश है। दूसरा छोटे शहरों के लड़कों को फैसिलिटी नहीं मिल पाती है। तो वो अपने को कम संसाधनों में मांझते हैं। ऐसे में सेलेक्टर्स को घरेलू क्रिकेट में उनकी वो मेहनत नजर भी आती है। दूसरा ये गॉड गिफ्ट भी है।

-फील्ड में आपकी और भुवनेश्वर की अच्छी ट्यूनिंग देखने को मिल रही है।

शुरुआती ऑवर्स हम दोनों ही डालते हैं। फिर पार्टनर बैटर हो तो ट्यूनिंग अपने आप हो जाती है। ये ट्यूनिंग होना भी काफी जरूरी है। ये टीम की जीत में काम आती है। एक दूसरे से सीखने को मिलता है। एक ओर से बैट्समेन दबाव बनता है तो दूसरा पार्टनर बॉलर को अटैकिंग बॉलिंग करने में काफी मदद मिलती है।

- हमने पिछले दशकों में व‌र्ल्ड क्रिकेट में पाकिस्तान फास्ट बॉलर्स का दबदबा देखा है। लेकिन अब वहां के मुकाबले इंडिया में बेटर फास्ट बॉलर निकल भी रहे हैं और वहां से बेटर बॉलिंग भी कर रहे हैं तो माना जाए कि अगले कुछ दशक इंडियन फास्ट बॉलर्स के हैं?

हमारे आज ऐसे फास्ट बॉलर हैं जो क्ब्0 से क्ब्भ् प्रति घंटा की रफ्तार से बॉलिंग कर सकते हैं। स्विंग बॉलर हैं। हमारे पास काफी टैलेंट हैं। फ्यूचर के लिए भी काफी बॉलर तैयार हो रहे हैं। अगर बात पाकिस्तान की करें तो वो भी पहले हमारे देश का हिस्सा था।

- पिछले कई मैचों में स्लॉग ऑवर्स में ज्यादा रन देने की समस्या को देखा गया है। क्या अनुभव की कमी कारण है?

अब आप उसे अनुभव की कमी कहें या कांफिडेंस में कमी। एज ए फास्ट बॉलर अगर किसी चीज पर कमी काम किया जाए तो उस कमी को पूरा किया जा सकता है। मैंने स्लॉग ओवर्स में बॉलिंग की प्रैक्टिस काफी पहले शुरू कर दी है। आगे मेरे लिए काफी काम भी आने वाली है।

-आपको भी नहीं लगता कि आईपीएल और क्रिकेट के नियमों ने बैट्समेन को काफी पॉवरफुल बना दिया है?

ये बात सही है। फास्ट बॉलर के लिए मौजूदा समय में काफी टफ है बॉलिंग करना। फिर कुछ नियम भी ऐसे हैं। पॉवर प्ले है। अंत में क्रिकेट पब्लिक के लिए है। पब्लिक को चौके छक्के देखने में मजा आता है। स्टेडियम में लोग यही देखने के लिए आते हैं।

-ऑस्ट्रेलिया की तेज और बाउंसी विकेट को देखते के लिए किस तरह की तैयारी की है?

मैं पहली बार ऑस्ट्रेलिया जा रहा हूं। जैसा कि मैंने सुना है कि वहां की फास्ट और बाउंसी विकेट के लिए लाइन और लेंथ पर कंट्रोल होना काफी जरूरी है। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं सही लेंथ पर फोकस करूं। ताकि वहां से एक कामयाब बॉलर होकर लौट सकूं। इस पर कोच और स्पोर्टिग स्टाफ काफी काम रहा है।

-आईपीएल की वजह से कई विदेशी सीनियर प्लेयर इंडिया आते हैं। तो आप किस प्लेयर से सबसे ज्यादा सीखने की कोशिश करते हैं?

एज ए फास्ट बॉलर मैं अपने देश के सीनियर प्लेयर्स फिर वो प्लेइंग इलेवन में ही क्यों न हो उससे कुछ कुछ सीखने की कोशिश करता हूं। अगर बात विदेशी सीनियर प्लेयर्स की करूं तो मैं वसीम अकरम सर से काफी बात की है। मैं केकेआर टीम में था। अब भी जब भी मुलाकात होती है उनसे गेम के बारे में बॉलिंग के बारे में बात करता हूं।

-क्रिकेट से हटकर इस बार एशियन गेम्स में वेस्ट यूपी के कई प्लेसयर्स काफी अच्छा परफॉर्म किया। तो किस तरह देखते हैं?

ये हमारे लिए काफी गर्व की बात है कि हम अदर गेम्स में भी काफी बेटर हो रहे हैं। एथलेटिक्स के गेम्स को देखता भी हूं। मौका मिलता है तो मैं ऐसे आयोजना में जाता भी हूं। इंडिया के लिए काफी अच्छा है।

-आपको किस बैट्समेन के अगेंस्ट बॉलिंग करने में चैलेंजिंग लगने के साथ मजा भी आया?

साउथ अफ्रीकन हाशिम आमला के बारे में काफी सोचा था। मैंने उसके लिए काफी प्लान बनाया और सोचा। फिर उसका मुझे पॉजिटिव रिजल्ट भी मिला। मुझे काफी अच्छा लगा कि जो मैंने सोचा प्लान किया उसका रिजल्ट मुझे मिला।

-आप पहली बार ऑस्ट्रेलिया में माइकल क्लार्क, वॉर्नर, मैक्सवेल जैसे प्लेयर्स को बॉलिंग क्या खास तैयारी की हैं। खासकर क्लार्क के लिए?

इनके लिए कोई खास तैयारी नहीं की है। जो तैयारी होगी टीम के साथ होगी। जो स्ट्रैटजी टीम बनाएगा उस पर ही फोकस होगा। हम उस पर काम कर रहे हैं।

शमी ने लिए आठ बैट

रूद्गद्गह्मह्वह्ल : बीडीएम कंपनी से करार के तहत सोमवार को मोहम्मद शमी मेरठ बीडीएम कंपनी में आए। कंपनी के मालिक राकेश महाजन ने बताया कि उन्होंने आगामी सीरीज के लिए अपने बैट लिए हैं। जिस तरह के बैट उन्होंने कहे थे वैसे ही तैयार किए हैं। दो बैट बाद में तैयार करके भेजे जाएंगे।