आई कैंपेन

-भूखमरी से मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है, हर साल जिले में 500 से ज्यादा लोग भूख से मरने को मजबूर

-मौसम की मार से और बढ़ जाता है खाद्यान्न संकट, हर साल आबादी के लिहाज से गिरता जा रहा है उत्पादन

kanpur@inext.co.in

KANPUR : देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में बढ़ते खाद्यान्न संकट की वजह से हर कोई चिंतित है। तेजी से बढ़ती आबादी ने देश को दूसरे स्थान पर लाकर खड़ा कर दिया है। इस लिहाज से खाद्य पदार्थो को लेकर हमारी चिंता और बढ़ जाती है। देश में कुपोषण आज भी प्रमुख मुद्दा है, जिसे जड़ से उखाड़कर नहीं फेंका जा सका है। कानपुर में भी हजारों की संख्या में बच्चे कुपोषित हैं और प्रशासन द्वारा उनका ख्याल रखा जा रहा है। कानपुर में भी पिछले दस सालों में बेहिसाब तरीके से आबादी में बढ़ोत्तरी हुई है।

पांच लाख बढ़ी जनसंख्या

पिछले दस सालों के जनसंख्या के आंकड़ों पर नजर डालें तो कानपुर की जनसंख्या में बेहिसाब इजाफा हुआ है। मौजूदा समय में कानपुर की आबादी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 47,10,5488 है। जबकि ख्0क्क् की जनसंख्या के मुताबिक कानपुर की आबादी ब्ख्,8क्,ख्म्8 थी। इसके अलावा बहुत से लोग जनसंख्या गिनती के कार्य में छूट जाते हैं। सरकारी आंकड़ों को छोड़ दें तो कानपुर में भ्0 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। जनसंख्या का यह आंकड़ा पिछले एक दशक के मुकाबले लगभग दोगुना है

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कई गुना बढ़ी खाद्यान्न डिमांड

कानपुर में खाद्य पदार्थो की डिमांड कई गुना बढ़ी है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बने अन्त्योदय और पात्र गृहस्थियों के कार्ड में हर साल हजारों की संख्या में लोग रजिस्टर्ड होते हैं। इसका मतलब यह है कि कई मीट्रिक टन खाद्य पदार्थो की डिमांड हर साल बढ़ जाती है। आंकड़ों पर नजर डालें तो साल ख्0क्फ् के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड लोगों में अन्त्योदय कार्डो की संख्या म्फ्क्ब्7 और पात्र गृहस्थियों की संख्या ख्79ख्0ब्8 है। जो पिछले पांच सालों में लगभग एक लाख तक बढ़ी है

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जिले में कृषक भूमि की स्थिति

भौगोलिक क्षेत्रफल--- फ्क्भ्भ् वर्ग किमी।

कृषि भूमि---- म्ख् परसेंट एरिया

चावल की खेती--- क्म्.म् परसेंट एरिया

गेंहू की खेती---- ब्ब्.फ् परसेंट एरिया

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बढ़ती आबादी बढ़ा रही कुपोषण

-यूपी में म् महीने से म् साल तक के कुपोषित बच्चे---- फ्ब्.9 परसेंट

-गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे---- क्ख्.9 परसेंट

-जन्म के समय ख्.भ् किलो से कम वजन के बच्चे---- ख्ख्.भ् परसेंट

-ख्0क्म् में कानपुर मंडल में कुपोषित बच्चे----- फ्.भ् लाख

कानपुर में अति कुपोषित बच्चे---- क्क्,000

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'जिले में कहीं भी खाद्यान्न का संकट नहीं होने दिया जाएगा। संवासिनी गृहों में कुपोषित बच्चों का इलाज और उन पर नजर रखी जा रही है। खाद्यान्न संकट के लिए बढ़ती जनसंख्या एक बड़ा कारण है। इसको कंट्रोल करना हम सभी की जिम्मेदारी है.'

-सुरेंद्र सिंह, डीएम, कानपुर नगर।