आई स्टिंग

ट्रेन आने से ठीक पहले इलाहाबाद स्टेशन के काउंटर्स से हो जाता है गायब

15 रुपये का जनता खाना यदि मिलता भी है तो वसूले जाते हैं 20 रुपये

काउंटर्स से जनता खाना का पैकेट गायब कर 30 रुपये में बेची जाती है चार पूड़ी

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: रेलवे ने पैसेंजर्स को सस्ता और अच्छा भोजन देने के उद्देश्य से जनता खाना का कान्सेप्ट तैयार किया था। इसके तहत मात्र पंद्रह रुपये में पैसेंजर्स को भरपेट भोजन मिल जाता था। लेकिन ब्लैक मार्केटिंग के खेल में रेलवे का ये जनता खाना पैकेट जनता से दूर हो गया है। होता ये है कि जब प्लेटफार्म पर कोई ट्रेन नहीं उपलब्ध होती है तो वेंडर्स जनता खाना का पैकेट लेकर घूमते हैं और 15 की बजाय 20 रुपये में बेचते हैं। लेकिन जैसे ही प्लेटफार्म पर ट्रेन आने की सूचना प्रसारित होती है अचानक से जनता खाना प्लेटफार्म के काउंटर्स और वेंडर्स की ट्रे से गायब हो जाता है। उसकी जगह पर अवैध और वैध दोनों ही वेंडर्स ट्रे में न्यूज पेपर्स के टूकड़ों पर चार पूड़ी और कागज या पत्तों के दोना में सब्जी बेचने लगते हैं जिसकी कीमत होती है 30 रुपये।

दिनांक : 28 अगस्त 2017

दिन : रविवार

समय- दोपहर दो बजे

स्थान : इलाहाबाद जंक्शन का प्लेटफार्म नंबर 7 व 8

दृष्य :

स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस प्लेटफार्म पर पहुंचती है। उसके रुकते ही एक तरफ वेंडर्स का शोर शुरू होता है और दूसरी ओर पैसेंजर्स ट्रेन से उतरकर स्टाल्स की ओर दौड़ते हैं। एक अधिकृत स्टाल पर पूड़ी का ढेर लगा है और जनता खाना के पैकेट गायब हैं। स्टाल पर तैनात वेंडर न्यूज पेपर के टुकड़े पर रखी चार पूड़ी और सब्जी का तीस रुपये वसूल रहा है। भूखे पैसेंजर्स रेट की जांच-पड़ताल किए बगैर उसी को लेने के लिए टूट पड़ रहे हैं।

जनता खाना 20 रुपये, 20 रुपये

थोड़ा आगे बढ़ने पर एक अवैध वेंडर नजर आता है जो तेज आवाज में चिल्ला रहा है जनता खाना लो। 20 रुपये में एक पैकेट जनता खाना लो। रिपोर्टर उसके पास पहुंचता है।

रिपोर्टर : एक पैकेट कितने का है भाई?

वेंडर- 20 रुपये का।

रिपोर्टर- इस पर तो 15 रुपये लिखा है?

वेंडर- तो क्या हुआ, 20 रुपये का ही मिलेगा। लेना हो लो नहीं तो आगे बढ़ो।

रेवड़ी-पेठा और खीरा-केला भी लें

थोड़ा आगे बढ़ने पर रेवड़ी, पेठा के साथ ही केला और खीरा भी बिकता हुआ दिख रहा है। इसे भी मनमाने रेट पर बेचा जा रहा है। यह इल्लीगल है, क्योंकि प्लेटफार्म पर फुटपाथ की तरह सामान बेचना मना है।

वेंडर देने लगा धमकी

प्लेटफार्म पर चल रहे इस खेल की वीडियो और फोटोग्राफी करते अचानक एक अवैध वेंडर देख लेता है और धमकाने वाले अंदाज में पूछता है, किसके कहने पर वीडियो और फोटो बना रहे हो। इसे तत्काल डिलीट करो वरना ठीक नहीं होगा। वह साथियों को बुलाने का प्रयास करता है तो हम जीआरपी और आरपीएफ को बुलाने की बात करते हैं, यह सुन वह पीछे हट जाता है।

अवैध वेंडर्स के खिलाफ लगातार कार्रवाई चल रही है। जनता खाना 15 रुपये की बजाय किसी भी रेट पर बेचने की छूट नहीं है। यदि जंक्शन इस तरह का खेल चल रहा है तो अवैध वेंडर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सुनील कुमार गुप्ता

पीआरओ, डीआरएम, इलाहाबाद

जनता खाना के बारे में मुझे नहीं पता है। भूख लगी तो स्टेशन पर उतर गया। चार पूड़ी और सब्जी के बदले स्टाल वाले ने 30 रुपये लिये।

अरुण कुमार, दरभंगा

पता है कि 15 रुपये में जनता खाना मिलता है। लेकिन स्टाल वाले के पास था नहीं, इसलिए जो दिखा वह लेना पड़ा। तीस रुपये देखें या पेट की भूख। जब भूख लगती है तो पैसा नहीं दिखाई देता।

नवीन, दरभंगा

700

पैकेट पर डे जनता खाना की सप्लाई रेलवे के अपने स्टाल्स पर होती है

800

पैकेट जनता खाना के पैकेट की सप्लाई प्राइवेट स्टाल्स पर की जाती है

15

रुपये के जनता खाना के पैकेट को यहां खुलेआम 20 रुपये में बेचा जा रहा

02

से ढाई हजार पैकेट पूड़ी सब्जी 30 रुपये में अवैध वेंडर्स पर डे बेच रहे हैं

335

ग्राम वजन होता है जनता खाना के पैकेट का

07

पूड़ी के साथ सब्जी, अचार और हरी मिर्च होती है एक पैकेट में

40

से 50 इल्लीगल वेंडर हैं इलाहाबाद जंक्शन पर सक्रिय