- ट्रेन पैंसेजर्स की जेब काट रही चिप्स कंपनी, तमाशा दे2ा रहा रेलवे

- जं1शन के प्लेटफॉ6र्स पर हर पैंसेजर को लगती आठ रुपए की चपत

GORAKHPUR: गोरखपुर जं1शन पर खुलेआम पैसेंजर्स की जेब पर डाका डाला जा रहा है। प्लेटफॉ6र्स पर रेलवे के 2ान-पान स्टॉल पर चीजें बाजार से लगभग दोगुने दाम पर बेची जा रही हैं। हद तो ये कि इन पै1ड फूड आइट6स पर एमआरपी भी अलग ही प्रिंट है। पैसेंजर्स के आपत्ति जताने पर स्टॉल पर बैठे लोग एमआरपी का हवाला देकर सबकी बात टाल दे रहे हैं। वहीं, एनईआर के सीपीआरओ का कहना है कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। इस संबंधित तथ्य सामने आने पर ही कार्रवाई हो सकेगी।

बेधड़क बिक रहा महंगा सामान

रेलवे स्टेशन पर दो कंपनियों के चिप्स बाजार से महंगे दामों पर बिक रहे हैं। इसकी शिकायत कुछ यात्रियों ने दैनिक जागरण-आई ने1स्ट से की थी। जिसे देखते हुए हमारी टीम हकीकत पर2ाने गुरुवार को जं1शन पहुंची। एक नंबर प्लेटफॉर्म पर रेलवे 2ान-पान सेवा के वेंडर से बिंगो कंपनी का चिप्स 2ारीदा। 28 ग्राम के चिप्स पर 18 रुपए की एमआरपी दे2ा रिपोर्टर ठिठक गया। रिपोर्टर ने अधिक रुपए लेने पर आपत्ति जताई। स्टॉल पर बैठे व्य1ित ने तपाक से कहा कि एमआरपी पर बेच रहे हैं। लेना हो लीजिए नहीं तो बहस मत कीजिए। रिपोर्टर ने चिप्स का पैकेट खरीद लिया। उसी समय चिप्स 2ारीदने पहुंचे दो पैंसेजर्स ने भी रेट को लेकर आपत्ति जताई तो उन्हें भी यही जवाब मिला।

स्टेशन के बाहर अलग ही दाम

इसके बाद रेलवे स्टेशन के बाहर निकलकर रिपोर्टर एक दुकान पर पहुंचा। जनरल मर्चेट की दुकान से उसी कंपनी का चिप्स 2ारीदा। वहां, 30 ग्राम चिप्स का पैकेट महज 10 रुपए में मिल गया। तब रिपोर्टर ने दुकानदार से बात शुरू कर दी। उसे प्लेटफॉर्म से 2ारीदा हुआ चिप्स पैकेट दि2ाया। यह दे2ा दुकानदार 5ाी फट पड़ा। कहने लगा कि हर जगह यात्रियों की जेब काटी जा रही है। इसमें बड़ा 2ोल होता है। इसकी जानकारी र2ाने वाले स्टेशन पर कोई सामान नहीं 2ारीदते हैं। वहां हर माल अलग दाम पर बेचा जाता है। पै1ड सामानों की अलग सप्लाई होती है। कंपनी से ही मिलकर इसका पूरा 2ाका तैयार किया जाता है।

किसी को नहीं पता, 1यों दाम में फर्क

रेलवे स्टेशन और बाजार में बिकने वाले एक ही सामान के दाम में फर्क 1यों है। इसके बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं दे पा रहा है। 2ानपान से जुड़े वि5ागों के अधिकारियों का कहना है कि जब वजन और रेट में प्रिंटेड है तो इसमें 1या किया जा सकता है। यदि रेट बदलने के लिए कोई स्टीकर लगाया गया होता तो जांच में कार्रवाई होती। इस तरह का गोलमाल पैंसेजर्स को हैरत में डालने वाला है। रेलवे अधिकारी जांच के बाद ही किसी कार्रवाई की बात कर रहे हैं। रेलवे स्टेशन पर रोजाना तीन हजार पीस की 2ापत प्रति स्टॉल है। इससे पैसेंजर्स को हर माह ला2ाों रुपए की चपत लग रही है।

फै1ट फाइल

रेलवे स्टेशन पर कुल स्टॉल - 36

प्रति स्टॉल से डेली चिप्स की बिक्री करीब - 3000

हर माह रेलवे स्टेशन से बिक्री का आंकड़ा- 90 हजार

28 ग्राम के पैकेट पर ग्राहक का नुकसान- आठ रुपया

हर माह पैंसेजर्स को लग रही चपत- करीब सात ला2ा रुपए

वर्जन

सामान बाहर सस्ता मिल रहा है तो रेलवे प्लेटफॉर्म पर 5ाी उसी रेट में मिलना चाहिए। कंपनी ने पैक करके 5ोजा है। इसमें ऐसा 1यों किया गया है इसके तथ्य सामने आने पर कार्रवाई हो सकेगी। इसकी जांच कराने के बाद ही कुछ कह पाएंगे।

- संजय यादव, सीपीआरओ