- डेढ़ वर्षों में ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कागजी कोरम पूरा करने में भी पिछड़ा

- स्टाफ की कमी रोना रो रहा है फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन

BAREILLY: फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अपने काम के प्रति लापरवाह है। इसका सबूत विभाग के आंकड़े दे रहे हैं। डिपार्टमेंट ने शहर में चल रहे करीब तीन हजार मेडिकल स्टोर्स पर पिछले डेढ़ वर्ष में महज तीन सौ बार ही निरीक्षण किया है। इस दौरान सिर्फ छह पर कार्रवाई हुई है। जबकि नियम के अनुसार डिपार्टमेंट को वर्ष में दो बार हर मेडिकल स्टोर का निरीक्षण करना चाहिए। वहीं विभाग अपनी इस लापरवाही को स्टॉफ की कमी का रोना रोकर छिपाना चाह रहा है।

कार्रवाई का डाटा

फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन बरेली जिले में करीब डेढ वर्षो में 7 हजार बार निरीक्षण कीबजाय केवल 303 निरीक्षण किया। जबकि दुकानों की संख्या 3 हजार से ज्यादा है। निरीक्षण के दौरान 218 दुकानों से दवाओं के सैंपल लिए गए। जिसमें 61 छापेमारी भी शामिल है। छापेमारी के दौरान डुप्लीकेसी और नशीली व अन्य हार्मफुल दवाओं की धरपकड़ पर 6 मेडिकल स्टोर्स ओनर्स पर एफआईआर दर्ज कराई गई। इसके अलावा 8 परिवाद दर्ज कराए। जिसमें 5 बिना लाइसेंस के दवा बेचने, दो नकली दवा बेचने और एक मामला संक्रमित खून को बेचने का पकड़ा गया था। वहीं डेढ़ वर्ष में कुल 34 लाइसेंस को निरस्त ि1कया गया।

अकेले नहीं कर पाएंगे

नियमानुसार निरीक्षण न कर पाने के मसले पर डिपार्टमेंट के जिम्मेदारों का कहना है कि स्टाफ की कमी है। बरेली जिले में केवल वही एक ड्रग इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। जबकि नियमानुसार 6 अन्य पद भी होने चाहिए थे। कम संख्या होने के चलते चेकिंग तभी हो पाती है जब मंडल के अन्य जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर चेकिंग करने के लिए पहुंचते हैं।

दस गुना लगेगा जुर्माना

नकली स्ट्रिप का भांडाभोड होने के मामले पर इंस्पेक्टर ने बताया कि स्ट्रिप सही होने पर कंपनी के नाम से मुनाफा कमाने के मामले में आईपीसी की धारा 420 और लाइसेंस निरस्त होने की कार्रवाई होगी। वहीं, शुगर लेवल नापने में स्ट्रिप फेल साबित हुई तो विक्रेता मेडिकल स्टोर और निर्माता कंपनी पर 10 गुना यानि करीब एक करोड़ रुपए जुर्माना समेत आजीवन कारावास की सजा होगी। क्योंकि ड्रग एक्ट में दो मामलों पर कार्रवाई होती है। पहला, ब्रांड नेम का लाभ उठाना पर क्वालिटी ठीक होने पर पांच लाख तक जुर्माना और 5 वर्ष तक कैद भी हो सकती है। इसके साथ ही क्वालिटी बेकार हुई तो करीब एक करोड़ तक जुर्माना और आजीवन कारावास का प्रावधान है।