DO SOMETING का लोगो

-राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना को रोज हो रहा है बवाल

-डीएसओ हर रोज सवालों से हो रहे हैं पसीना-पसीना

DEHRADUN : प्रदेश कांग्रेस सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सवालों के घेरे में है। कम से कम राजधानी में तो यही कहा जा सकता है। हर रोज डीएसओ को इस योजना से उलझे लोगों के सवालों का जवाब देने के लिए अपना कीमती वक्त गंवाना पड़ रहा है। उनसे लोग व जनप्रतिनिधि सवाल कर रहे हैं कि आखिरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में जिले के कितने पात्रों का कार्ड बन पाया और किन लोगों का नहीं, जिनके कार्ड बन पाए हैं, उनको अब तक नए राशन कार्ड क्यों नहीं मिले। क्या पुराने कार्डो से अब राशन कार्डधारियों को राशन नहीं मिल पाएगा।

कार्ड दबाने के आरोप

वेडनसडे को कुछ पार्षदों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना व पुराने राशन कार्डो की अहमियत को लेकर डीएसओ कार्यालय पर राशन कार्डो की होली जलाई। कार्ड फाड़ दिए। अगले दिन थर्सडे को भी सुबह से लेकर दोपहर तक डीएसओ कार्यालय में लोगों की कतारें रहीं। त्यागी रोड रेस्ट कैंप के पार्षद भी अपने समर्थकों के साथ डीएसओ कार्यालय पहुंचे। उन्होंने डीएसओ को बताया कि उनके क्षेत्र में कई ऐसे सस्ते गल्ले के दुकानदार हैं, जिन्होंने अब तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तैयार नए कार्ड नही बांटे हैं। फिर से पूर्व पार्षद सचिन गुप्ता का आरोप है कि राशन कार्ड के लिए जिन लोगों ने आवेदन किया था, उनके आवेदन कहीं गुम हो गए। जिसका जवाब विभाग भी नहीं दे पा रहा है। राशन विक्रेता एपीएल का राशन भी नहीं दे रहे हैं।

एपीएल का राशन भी मिलेगा

जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी श्याम आर्य कहते हैं कि इसके लिए फूड इंस्पेक्टर को अवगत करा दिया गया है। जिले में फिलवक्त एक लाख तीन हजार कार्ड बनने हैं, जिनके कार्ड नहीं बने हैं, उन्हें जल्द कार्ड उपलब्ध हो जाएंगे। एपीएल का राशन भी उपलब्ध हो जाएगा। इसके लिए आदेश दे दिए गए हैं। जिन लोगों के गलत राशन कार्ड बन गए हैं, उनके कार्ड रद्द हो जाएंगे।