-महत्वपूर्ण मसलों पर सबकी राय और सुझाव जरूरी

-राजस्व घाटे को कम करने की चुनौती, जल्द सामने आएगी आबकारी नीति

देहरादून,

सूबे की टीएसआर सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ धर्मयुद्व लड़ने का जो ऐलान किया था उसकी शुरुआत भी हो गई है। सरकार ने सदन में लोकायुक्त और तबादला एक्ट लाकर अपनी मंशा साफ कर दी है। भले ही विपक्ष की मांग पर फिलहाल विधेयक प्रवर समिति को सौंपे गए हैं, लेकिन 1 माह के बाद प्रदेश में लोकायुक्त और तबादला एक्ट को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी। टीएसआर सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत को संसदीय कार्य के साथ-साथ वित्त मंत्री की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। पंत के पास आबकारी जैसा महत्वपूर्ण विभाग भी है। क्या हैं सरकार की प्राथमिकताएं और क्या है टीएसआर कैबिनेट के सबसे हैवीवेट मंत्री का विजन, इसे लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने की प्रकाश पंत से खास बातचीत।

प्रश्न- विपक्ष के अड़ंगे के बाद लोकायुक्त गठन के लिए अब एक महीने का इंतजार करना होगा। बिल प्रवर समिति को भेज दिया गया। सरकार की कोशिश थी कि भ्रष्टाचार से लड़ने का उसका मैसेज जनता तक जल्द पहुंचे। क्या लगता है, कहां कमी रह गई थी?

-लोकायुक्त के गठन में हम नहीं चाहते कि किसी भी तरह की समस्या आए। विपक्ष ने अपनी बात रखी है तो हमने सुनी है। हमने अपने वादे के अनुसार लोकायुक्त विधेयक को फूलप्रूफ तैयारी के साथ पेश किया। पार्टी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ही चुनाव लड़ा और सरकार ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मंशा साफ कर दी है। हम लोकायुक्त के मसले पर भी सब की राय का स्वागत करते हैं। हम भी एक बार दोबारा इसके हर पहलू का अध्ययन करेंगे। लोकायुक्त विधेयक को प्रवर समिति को सौंपा गया है।

प्रश्न-तबादला विधेयक को भी विपक्ष की आपत्ति के बाद प्रवर समिति को सौंप दिया गया। इसमें क्या कमी थी?

- सरकार की मंशा साफ है। सदन के अंदर ये विधेयक महत्वपूर्ण था। इस विधेयक को हम कानून का दर्जा देने जा रहे हैं। विपक्ष को कुछ मामलों पर आपत्ति थी, इसलिए इसे प्रवर समिति को सौंपा गया है। सभी जानकारों, एक्सप‌र्ट्स की राय भी जरूरी है। सबके सुझाव लेना आवश्यक है।

प्रश्न-आपके पास वित्त और आबकारी जैसे अहम विभागों की भी जिम्मेदारी है। किस तरह से प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने के लिए काम किया जाएगा।

-हम न्यायालय के फैसले का सम्मान कर नई आबकारी नीति तय करेंगे जो जल्द ही सामने आएगी। राज्य हजारों करोड़ के कर्ज में है। हमारा लक्ष्य है कि हम राजस्व घाटे को कम करें। आय के साधन बढ़ाना हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है। इसके लिए रोड मैप तैयार कर रहे हैं और पॉजिटिव रिजल्ट्स जनता को दिखेंगे।

प्रश्न-साफ सवाल। क्या है आपका कमाई बढ़ाने और खर्चे घटाने का रोडमैप?

-सबसे पहले हम फिजूलखर्ची रोकेंगे। पिछली सरकार ने बिना सोचे समझे खर्चे किए हैं। हम सबसे पहले ऐसे खर्चो की लिस्ट बना रहे हैं जिन्हें हमें तुरंत रोकना है। दूसरी मद के व्यय के ब्योरे भी मैं खंगाल रहा हूं जिनमें कटौती की जा सकती है। केंद्र सरकार कई योजनाओं में मदद कर रही है। ऐसा नहीं है कि अभी कर रही है। पुरानी सरकार के वक्त भी कर रही थी, लेकिन पुरानी सरकार ने इसका लाभ ही नहीं उठाया। केंद्र की दर्जनों बाह्य सहायतित योजनाएं हैं जिनमें अच्छा-खासा बजट राज्यों को मिलता है। हम इस पर गहनता से काम कर रहे हैं। वेतन और भत्ते देने के लिए पूर्व सरकार ने बाहर से पैसा उठाया। हम इसे खुद निकालेंगे।

प्रश्न-राजस्व प्राप्ति के सवाल का जवाब नहीं मिला।

-राजस्व प्राप्ति के कई संसाधन हैं। सबसे पहले तो अवैध खनन है। जो रॉयल्टी सरकारी खजाने में जानी चाहिए उसे माफिया को संरक्षण देने वाले खा गए। हालांकि आज ही अदालत ने खनन पर रोक लगाई है, लेकिन भविष्य की योजना लेकर हम चल रहे हैं। शराब से मिलने वाले राजस्व पर अलग से फोकस है। पर्यटन में अपार संभावनाएं हैं। इस ओर नए सिरे और नए विजन के साथ काम चल रहा है।