स्पॉन्सर न मिलने से होती परेशानी
मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब को जो परेशानी आ रही है, उनमें सबसे मुख्य है स्पॉन्सरशिप. शारदा चिटफंड घोटाला सामने आने के बाद से फुटबॉल क्रेजी वेस्ट बंगाल (कोलकाता) के फुटबॉल क्लबों को स्पॉन्सर तलाशने में दिक्क्त आ रही है. स्पॉन्सर न मिलने के कारण ही मोहम्मडन स्पोर्टिंग ने I-लीग फुटबॉल टूर्नामेंट में खेलने में असमर्थता जाहिर कर दी है. अब यह क्लब सिर्फ लोकल लेवल के फुटबॉल टूर्नामेंटों में ही खेल पायेगा. आपको बताते चलें कि इस क्लब की स्थापना 1891 में हुई थी.

3 महीने से प्लेयरों को नहीं मिली सैलरी

गौरतलब है कि मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब पिछले I-लीग सीजन में 24 मैचों में 24 प्वॉइंट्स (6जीत, 6 हार और 12 ड्रा) के साथ 13वें और अंतिम स्थान पर रहा था. इस वजह से वह सेकेंड डिवीजन में रेलिगेट हो गया था. क्लब के पास सेकेंड डिवीजन में अच्छा प्रदर्शन कर 2015-16 सीजन में I-लीग के फर्स्ट डिवीजन में खेलने का मौका था मगर उसके पास कोई ना पैसे थे ना ही स्पॉन्सर. अब हालत यह है कि क्लब ने प्लनेरों को 3 महीने से वेतन भी नहीं दिया है. यह बेहद ही शर्मनाक स्िथति है जहां ISL जैसे बड़े टूर्नामेंटों के लिये पैसे लगाने वालों की लाइन लगी है, वहीं देश के सबसे पुराने फुटबॉल क्लबों में शामिल मोहम्मडन क्लब को स्पॉन्सर तक नहीं मिल रहा है.

चिटफंड घोटाले ने बिगाड़ा खेल
शारदा चिट फंड घोटाला सामने आने से पहले ईस्ट बंगाल और मोहन बगान जैसे बंगाल के कई सारे क्लबों को मल्टिलेवल कंपनियों से प्रायोजन राशि के तौर पर 1 करोड़ से लेकर 25 करोंड़ रुपये तक मिलते थे. घोटाला सामने आने के बाद जब सरकारी एजेंसियों ने चिट फंड कंपनियों पर नकेल कसनी शुरू की तो क्लबों को इन कंपनियों से मिलने वाली प्रायोजन राशि में या तो कमी आई या फिर मिलना ही बंद हो गई. मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब के प्रेजिडेंट सुल्तान अहमद कहते हैं कि अभी क्लब बंद करने का फैसला नहीं लिया है लेकिन स्पॉन्सर नहीं मिलने के कारण हम केवल लोकल टूर्नामेंट ही खेलेंगे. 

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