- इंक्रोचमेंट और इलीगल पार्किंग के कारण पैदल चलना दूभर

- बोरिंग रोड, न्यू मार्केट, राजा बाजार में स्थिति है सबसे खराब

PATNA: सड़क हादसे में सबसे अधिक मौत पैदल चलने वालों की होती है। एक अनुमान के मुताबिक पटना में फ्0 परसेंट से अधिक सड़क हादसे में मरने वाले पैदल चलने वाले ही हैं, पर इसके साथ ही इसमें व्यवस्था से जुड़ी परेशानी भी एक बड़ा कारण है। पटना में सड़कों पर न तो फुटपाथ है और न ही इलीगल पार्किंग। सड़क पर तो रेडी लगाने वालों ने कब्जा कर लिया है। यही वजह है कि पटनाइट्स को एक फुटपाथ के लिए भी तरसना पड़ता है।

चलने से आप तौबा कर लेंगे

पटना जंक्शन से निकलते ही जब न्यू मार्केट में आप कदम रखते हैं, तो चारों तरफ गंदगी कीचड़, रोड़ का आधा हिस्सा ब्रिज कंस्ट्रक्शन के हवाले और रेडी वालों का कब्जा से भरा रहता है। बहादुरपुर निवासी प्रभंजन सिंह ने बताया कि इस सड़क जो कोई एक बार पैदल चल जाए तो यहां आने से ही तौबा कर लेगा। इतनी जबरदस्त भीड़ और वहां पर किसी भी प्रकार का कोई मैनेजमेंट नाम की चीज ही नहीं है। आखिर कोई कैसे अपने मंजिल तक पहुंचे।

बजबजाती गंदगी में कैसे चलें?

अशोक राजपथ, पीएमसीएच के पास, कदमकुआं, कुर्जी मोड़, शेखपुरा मोड, खास महल रोड से कंकड़बाग ओवरब्रिज के पास, सदाकत आश्रम के पास, बुद्धा कालोनी में बीडी पब्लिक स्कूल से आगे की सड़क और पटना सिटी के विभिन्न इलाकों में जबरदस्त गंदगी का आलम है। बारिश में स्थिति तो और भी खराब हो जाती है, साथ ही सड़कों पर रेडी वालों की दुकानों का सड़क के किनारों पर कब्जा होने के कारण यहां पर स्थिति नारकीय है। अशोकराजपथ स्थित पटना डेंटल कालेज के गेट के सामने तो ऐसी गंदगी रहती है कि नाक पर बिना कपड़ा रखे वहां से गुजरना मुश्किल है।

बच्चे व पैरेंट्स को लगता है डर

अशोक राजपथ, बेली रोड, आशियाना-दीघा रोड आदि कई व्यस्त इलाकों के आस-पास के स्कूलों से बच्चे जब छुट्टी के वक्त लौटते हैं बच्चे व उनके पैरेंट्स को सड़क हादसा होने का डर बना रहता है। आई नेक्स्ट ने देखा कि अशोक राजपथ पर ट्रैफिक पुलिस ने जब बच्चों को सड़क पार करने देने का साइन दिया इसके बावजूद भी ट्रैफिक नहीं रूकी।

मुझे हर दिन स्कूल तक पहुंचने में न्यू मार्केट एरिया होकर जाना पड़ता है, पर यहां की नारकीय स्थिति से निकलकर कपड़े और मन दोनों ही खराब हो जाता है।

-पंकज कुमार, बहादुरपुर

पटना में सघन आबादी के बाद भी यहां कहीं भी चलने के लिए स्थिति संतोषजनक नहीं है। आखिर कैसे यहां के बच्चे और बूढे़ सेफ होंगे।

-अमोद कुमार, चिरैयांटांड़

यहां पीएमसीएच, आईजीआईएमएस सहित कई बड़े हॉस्पीटलों के आसपास तो ट्रैफिक ऐसी है कि एम्बुलेंस की गाड़ी फंस जाती है। पैदल चलने वालों की भला कब परवाह की गई है।

-कुंदन, राजा बाजार