अब नहीं कर पाएंगे धडल्ले से ऑनलाइन शॉपिंग

एक मोबाइल वॉलेट कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि इस प्रपत्र का मतलब यह है कि अगर कोई उपभोक्ता हर महीने 10 हजार रूपये खर्च कर रहा है तो पांचवां महीने पूरा होने के बाद उसे अपना पैन बताना पड़ेगा। ग्रहक के पैन न बताने से कंपनी को वॉलेट रोकना होगा। जिनके पास पैन नहीं है उन्हें एक फार्म भरना पढ़ेगा और अपनी पहचान बताने के लिए कोई एक दस्तावेज देना होगा।

काले धन पर लगेगी लगाम

सरकार के इस कदम से काले धन के आवागमन पर कुछ हद तक लगाम लगेगी। अब सरकार की यह पहल कितना रंग लाएगी यह तो वक्त ही बताएगा। सरकार ने परिपत्र में कहा है कि काले धन का संचार करने और कर आधार बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है। थर्ड पार्टी या तीसरे पक्ष से कुछ खास प्रकार के परिचालकों के लिए सूचना जुटाने के लिए ऐसे परिचालकों के लिए आयकर अधिनियम के तहत पैन का उल्लेख करना जरूरी है।

जांच टीम ने की सिफारशि

काले धन पर गठित एक विशेष जांच टीम की सिफारिशों में यह भी शामिल था कि वस्तु और सेवाओं की खरद के उन सभी मामलों में पैन का उल्लेख अनिवार्य किया जाए जिनमें भुगतान 1 लााख रूपये से अधिक की होती है। वित्त मंत्रालय के अनुसार कालेधन का पता लगाने के लिए कैश कार्ड पेमेंट एंड सेगमेंट एक्ट के तहत जारी प्रीपेड इंस्टूमेंट की भी जांच होगी। सालाना 50 हजार से अधिक लेनदेन के लिए पैन का उल्लेख अनिवार्य होगा।

Business News inextlive from Business News Desk