विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन

ALLAHABAD: विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर मंगलवार को शहर के रंगकर्मियों ने उसकी प्रासंगिकता व भविष्य को लेकर परिचर्चा का आयोजन किया। मयूर रंगमंच की ओर से जॉर्जटाउन स्थित कमला भवन में 'हमारे शहर की नाट्य परंपरा' विषयक परिचर्चा में बोलते हुए मुख्य अतिथि एनसीआरटी उड़ीसा के निदेशक अनूप खरे युवा कलाकारों का आहवान किया कि शॉर्टकट का रास्ता रंगमंच की दुनिया में कभी सफल नहीं होता है। शहर में बहुत से ऐसे वरिष्ठ रंगकर्मी हैं जिन्होंने परिश्रम व समर्पण की भावना से नाट्य कार्य करके एक अलग पहचान बनाई है। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ रंगकर्मी विपिन शर्मा ने युवाओं से वरिष्ठ लोगों से मार्गदर्शन लेने की सलाह दी। वहीं महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विवि के क्षेत्रीय केन्द्र में आयोजित परिचर्चा में डॉ। विधु दास खरे, विजय कनौजिया, कृष्ण मोहन ने रंगमंच की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।

नाटकों का हुआ मंचन

विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के परिसर में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से नाटक गुडबाय स्वामी का मंचन किया गया। कल्याण सिंह निर्देशित नाट्य प्रस्तुति के जरिए कलाकारों ने धर्म के नाम पर होने वाले पाखंड का सच उजागर करने का प्रयास किया। बैकस्टेज संस्था की ओर से महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विवि के क्षेत्रीय केन्द्र में थ्रोन ऑफ ब्लड का मंचन किया गया तो मंजिल संस्था के कलाकारों ने बड़े हनुमान जी मंदिर के सामने नाटक लाचार व मजबूर का मंचन किया।