पिछले एक साल से सिविल लाइंस में रोड साइड आधा दर्जन स्थानों पर हो रही थी वसूली

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पहल पर मेयर की छापेमारी में खुला पोल, पकड़े गए दो युवक

पहले पार्किंग को वैध बताने वाले अधिकारी मेयर की कार्रवाई के बाद लगे गोल-गोल घुमाने

ALLAHABAD: एक साल से शहर के हार्ट सिविल लाइंस में (हनुमान मंदिर से पत्थर गिरिजाघर तक)) आधा दर्जन स्थानों पर नगर निगम के नाम पर अवैध पार्किंग चल रहे थे और किसी को इसकी जानकारी नहीं थी। यह बात जितनी आसानी से कह दी गई, उतनी ही आसानी से पचने लायक नहीं है। हद तो ये कि पहले इन्हें सही बताने वाले अधिकारी भी मेयर के सामने आने के बाद गोल-गोल घुमाने लगे। यही नहीं एक साल में पब्लिक से हुई करोड़ों की इस वसूली का मामला सामने आने के बाद कार्रवाई के नाम पर वे दो लड़के पकड़े गए हैं जो महज कुछ रुपयों के वेतन पर पार्किंग में पर्ची चिपकाने और वसूली कर रहे थे।

एडीए ने सजाया, बेचा किसने?

करोड़ों रुपये खर्च कर एडीए ने सिविल लाइंस को सजाया। जाम से निजात के लिए सड़क के बगल में पार्किंग का स्पेस दिया। कुछ ही दिन बाद इस स्पेस को नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन, संबंधित थाना व जनप्रतिनिधियों की शह पर पार्किंग के नाम बेच दिया गया। एक वर्ष से नगर निगम की फर्जी पर्ची के आधार पर आधा दर्जन से अधिक वाहन स्टैंड चल रहे थे। इसकी भनक लगने पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने कंसर्न लिया और पड़ताल शुरू की तो चौंकाने वाली स्थिति सामने आई। मेयर को जानकारी दी गई तो वह भी चौंक गई। हकीकत जानने के लिए एक पार्किंग में पहुंच गई और पर्ची चिपकाने में एक्सपर्ट पार्किंग कर्मचारियों ने जब उनकी गाड़ी पर पर्ची चिपकाई तो फिर कुछ ही देर में पूरा खेल सामने आ गया।

इस तरह खुला फर्जी मामला

सिविल लाइंस में एमजी रोड पर अटलांटिस मॉल के सामने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर की मुलाकात स्टैंड पर कार्यरत युवक से हुई। उसने बातचीत में पोल खोल दी। आप भी सुनें बातचीत का अंश

क्या यार, रोड पार्किंग से अधिक गाडि़यां तो मॉल की पार्किंग में खड़ी हो रही हैं। तुम लोगों को तो काफी घाटा लग रहा होगा?

पार्किंग कर्मचारी: कौन कहिस की घाटा लग रहा है?

क्यों, लाखों रुपये का टेंडर हुआ होगा वाहन स्टैंड का?

पार्किंग कर्मचारी: नहीं भाई, सही बताई तो ऐसा कुछ नहीं है।

मतलब?

पार्किंग कर्मचारी: सड़क का तो टेंडर ही नहीं है।

तो फिर ई नगर निगम की पर्ची कैसे लगा रहे हो?

पार्किंग कर्मचारी: सारी पर्ची फर्जी है।

नगर निगम से तो टेंडर हुआ था?

पार्किंग कर्मचारी: टेंडर कैंसिल हो चुका है साल भर पहले ही। ये तो कार पार्किंग का स्पेस है। एडीए ने बोर्ड भी लगा रखा है।

यानी सब कुछ सेटिंग से चल रहा है?

पार्किंग कर्मचारी: आउर का

फिर भी बताया पार्किंग को सही

पार्किंग कर्मचारी से बातचीत में बगैर टेंडर के फर्जी वाहन स्टैंड की जानकारी सामने आने के बाद लाइसेंस व नजूल विभाग के कर्मचारियों से टेंडर के बारे में पूछताछ की गई। उन्होंने वाहन स्टैंड सही होने की जानकारी दी। लेकिन जब अन्य स्रोत से पता लगाया गया तो पता चला कि वाहन स्टैंड का टेंडर समाप्त हो चुका है। सारे वाहन स्टैंड फर्जी तरीके से चल रहे हैं।

जानकारी पर चौंक गई मेयर

मेयर अभिलाषा गुप्ता से जब इस संबंध में बात की गई तो सच्चाई सुन वह भी चौंक गई। फिर हकीकत जानने के लिए सोमवार दोपहर करीब एक बजे एमजी रोड पर अटलांटिस मॉल के बाहर कार से पहुंचीं। स्टैंड में तैनात युवकों ने उनकी कार पर ध्यान नहीं दिया और पर्ची काट कर कार पर लगा दी। इसी दौरान मेयर के साथ चल रहे सहयोगियों ने उन्हें पकड़ लिया। पर्ची चेक की गई तो उस पर नगर निगम इलाहाबाद लिखा था। दोनों युवकों को नगर निगम ले जाया गया। पूछताछ में उन्होंने अपना नाम राहुल कुमार और पंकज कुमार सोनकर निवासी लीडर रोड थाना शाहगंज बताया। ठेकेदार का नाम सुनील सोनकर बताया।

नगर निगम में मचा हड़कंप

मेयर ने नगर आयुक्त के साथ ही नजूल विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से जब सिविल लाइंस एरिया में वाहन स्टैंड के टेंडर को लेकर सवाल किया तो पता चला कि टेंडर खत्म हुए एक वर्ष हो रहा है। इस फाइनेंशियल ईयर में कोई टेंडर नहीं हुआ।

सिविल लाइंस एरिया में आधा दर्जन स्थानों पर काफी दिनों से वाहन स्टैंड चल रहे थे, जो फर्जी थे। आईनेक्स्ट ने इस मुद्दे को उठाया तो जांच में शिकायत सही निकली। बगैर टेंडर के फर्जी वाहन स्टैंड कैसे चल रहे थे। इस फर्जीवाड़ा में कौन-कौन लोग शामिल हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए नगर आयुक्त को लिखा गया है।

अभिलाषा गुप्ता

मेयर, नगर निगम

जितने अधिकारी उतने तरह के जवाब

वाहन स्टैंड के टेंडर के बारे में हम कुछ नहीं बता सकते हैं। हम कहीं बाहर जरूरी काम में हैं। आप नगर आयुक्त या फिर प्रभारी नजूल लालमनी यादव से बात करें।

संजय कुमार सिंह

अपर नगर आयुक्त-2

नगर निगम इलाहाबाद

सिविल लाइंस एरिया में कोई टेंडर नहीं हुआ है। मैं मीटिंग में हूं, बात नहीं कर सकता।

लालमनी यादव

प्रभारी नजूल

टेंडर के बगैर फर्जी तरीके से वाहन स्टैंड संचालित किए जाने का मामला संज्ञान में आया है। जांच की जा रही है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्रा को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे जांच कर कार्रवाई कर रहे हैं।

हरिकेश चौरसिया

नगर आयुक्त

सवाल जिनके जवाब की दरकार है?

- इन सबके पीछे कौन है?

- किसकी शह पर ये चल रहे थे?

- पिछले एक साल में इस एरिया में दर्जनभर से अधिक बार अतिक्रमण हटाओ अभियान चला है तब भी अधिकारी इनसे अंजान कैसे रहे?

- पिछले एक साल में इन पार्किंग स्पेस में आखिर कितने की हो चुकी है वसूली?

- वसूली की ये रकम आखिर किस-किस की जेब में जा रही थी?

निगम-एडीए और पुलिस आखिर सालभर से कर क्या रहे थे?

- पिछले दिनों ऐसी ही पार्किंग में मारपीट की घटना तक हो चुकी थी, जिसमें पुलिस इन्वाल्व हुई थी, तब इनकी वैधता चेक क्यों नहीं की गई?